स्कूलों में दोपहर के भोजन को सुधारेगी सरकार
दिल्ली सरकार राजधानी के स्कूलों में दोपहर के भोजन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए ठेकेदारों के चयन में जहां सख्ती बरतेगी वहीं प्रतिष्ठित संस्थाओं को जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार राजधानी के स्कूलों में दोपहर के भोजन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए ठेकेदारों के चयन में जहां सख्ती बरतेगी वहीं प्रतिष्ठित, सेवाभाव से काम करने वाली संस्थाओं को जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे। विधानसभा में मिड डे मील पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सख्त नियमों वाले प्रावधानों के टेंडर तैयार किए जा रहे हैं तो वहीं देश के प्रतिष्ठित संगठन अक्षय पात्र को भी दिल्ली से जोड़ने की पहल की जा रही है।
उन्होने सदन को बताया कि अक्षयपात्र की दिल्ली में कोई रसोई नहीं है इसलिए उसे रसोई की भूमि की आवश्यकता है इस पर पूर्व उपराज्यपाल ने यह कहते हुए सहमति दी थी संस्था को आप सरकार के कार्यकाल के दौरान के वर्षों का ठेका दिया जाए।
अक्षयपात्र का तर्क है कि उसे रसोई में 20 से 25 करोड़ का निवेश करना होगा जो इतने कम समय के लिए उसके लिए वित्तीय तौर पर संभव नहीं है। अब यहां रसोई लगाने के लिए स्थान देने संबंधी प्रस्ताव पर उपराज्यपाल ने सहमति जताई है व मंजूरी मिलने पर इस संस्था को डेढ़ लाख विद्यार्थियों के लिए खाना का जिम्मा देने पर विचार करेंगे। मनीष सिसोदिया ने माना कि दो साल से मिड डे मील देख रहा हूं वहीं आंगनवाड़ी में पोषाहार की क्वालिटी भी ठीक नही है।
विधानसभा में मिड डे मील पर चर्चा में गुणवत्ता को लेकर विधायकों ने सवाल उठाये। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने मिड डे मील को लेकर सख्त कानून की जरूरत पर बल देते हुए ठेके के नियमों को सख्त रखने का सुझाव दिया।
चर्चा की शुरूआत आप विधायक जरनैल सिंह ने करते हुए कहा कि योजना को लागू करने में दिक्कतें हैं क्योंकि कभी खाने में छिपकली निकल आती हैं तो कभी कॉकरोच। कोंडली से विधायक मनोज कुमार ने कीड़ेवाले खाने की आपूर्ति का जिक्र किया तो विधायक सहीराम ने भी खाने की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगाए।


