Top
Begin typing your search above and press return to search.

आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार और उद्योग जगत को नये रास्ते खोजने होंगे: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: देश आजादी के बाद से ही अलग-अलग स्तर पर स्वावलंबन के लिए प्रयास करता रहा है

आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार और उद्योग जगत को नये रास्ते खोजने होंगे: राजनाथ
X

नयी दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विकट चुनौती का सामना करते हुए सरकार और उद्योग जगत को मिलकर ऐसे उपाय और रास्ते खोजने होंगे जिससे देश आत्मनिर्भर बनने के साथ साथ विश्व के विकास में योगदान कर सके।

श्री सिंह ने आज यहां वाणिज्य संगठन फिक्की , रक्षा मंत्रालय और रक्षा उद्योग जगत के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश आजादी के बाद से ही अलग-अलग स्तर पर स्वावलंबन के लिए प्रयास करता रहा है और यह हमारी परंपरा से लेकर आधुनिक सोच में रचा बसा है। उन्होंने कहा कि स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता हमारे आत्म विश्वास का संबल है और देश के सभी महापुरूषों और सरकारों ने अपने-अपने तरीके से इसमें योगदान दिया है तथा इस दिशा में प्रयास किया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान दिया है। आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की हमारी सोच को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से अलग होने की दिशा में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि भारत संपूर्ण विश्व के विकास में योगदान के लिए आत्मनिर्भर होकर अपना योगदान देना चाहता है। उन्होंने कहा कि सभी को आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए राष्ट्रीय संकल्प लेना होगा और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाना होगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश ही नहीं दुनिया भर में गंभीर परिस्थिति बनी हुई है और हमारा उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। फिक्की ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद विकास दर शून्य से 4 दशमलव पांच प्रतिशत कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है जो चिंताजनक है। सामाजिक तथा सांस्कृतिक स्तर पर भी बड़ी विचित्र स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योग जगत सब को मिलकर इस चुनौती से निपटना होगा और मिल बैठकर इसके लिए नये रास्ते तथा उपाय करने होंगे।

श्री सिंह ने कहा कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई साहसिक कदम और नीतियों की घोषणा की गयी है। इसमें रक्षा आयात के क्षेत्र में 101 उत्पादों की नकारात्मक सूची तैयार की गयी है और आने वाले समय में इनका आयात पूरी तरह बंद हो जायेगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आयुध निर्माणियों के निगमीकरण का कार्य एक वर्ष में पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार जो निर्णय लेती है उसे तय समय सीमा में पूरा भी करती है।

एक सवाल के जवाब में रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रोजेक्ट मेनेज्मेंट यूनिट का एक सप्ताह में गठन हो जायेगा।

इससे पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि देश अभी अनेक चुनौतियों तथा खतरों का सामना कर रहा है। कोरोना महामारी से देश ने जिस तरह मुकाबला किया है उससे यह साबित हो गया है कि मिलकर हम किसी भी अदृश्य चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाएं आत्मनिर्भर भारत की सरकार की योजना का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सेनाओं को स्वदेशी हथियारों और प्रौद्योगिकी के बल पर युद्ध में जीत हासिल करने से ज्यादा संतोष और किसी बात से नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि देश में अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार प्रणाली विकसित करने की क्षमता और योग्यता है। सरकार के सही दिशा में उठाये गये कदमों और आत्मनिर्भर भारत के विजन से देश न केवल स्वावलंबी बनेगा बल्कि हथियारों का निर्यात भी करेगा।

वेबिनार में डीआरडीओ के अध्यक्ष डा सतीश रेड्डी, रक्षा सचिव उत्पादन और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it