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मथुरा में गोवर्धन पूजा का अपना महत्व

उत्तर प्रदेश में मथुरा के ब्रज में दीपावली पंच महापर्व (धनतेरस, नरक चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा एवं यमद्वितीया के रूप में मनाई जाती है

मथुरा में गोवर्धन पूजा का अपना महत्व
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मथुरा । उत्तर प्रदेश में मथुरा के ब्रज में दीपावली पंच महापर्व (धनतेरस, नरक चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा एवं यमद्वितीया के रूप में मनाई जाती है किंतु इन पंच महापर्वों में गोवर्धन पूजा पर देश विदेश के श्रद्धालु चुम्बक की तरह गोवर्धन की ओर खिंचे चले आते हैं ।

भागवताचार्य रासबिहारी विभू महराज ने बताया कि गोवर्धन पूजा पर गिरिराज के पूजन एवं गिरिराज की परिक्रमा का विशेष महत्व है । गिरिराज पूजा में जहां ठाकुर का पंचामृत अभिषेक होता है। वहीं इसी दिन दूध की धार की परिक्रमा का इसलिए महत्व है कि इस दिन सुरभि गाय ने अपने दूध से ठाकुर का अभिषेक उस समय किया था जब उन्होंने सात दिन सात रात अपनी छोटी उंगली पर गिरिराज को धारण कर ब्रजवासियों की इन्द्र के कोप से रक्षा की थी।

उन्होंने बताया कि गोवर्धन परिक्रमा का विशेष महत्व है क्योंकि यह पर्व विशुद्ध कृष्ण भक्ति का पर्व है तथा इसी दिन श्याम सुन्दर ने ब्रजवासियों से इन्द्रपूजा की जगह गोवर्धन की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था तथा उन्होंने स्वयं भी गोवर्धन की पूजा की थी “एक हाथ से पुजत हैं एक से रहे पुजाय”।


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