Top
Begin typing your search above and press return to search.

मोहम्मद रफी के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर याद किया

आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी के 93वें जन्मदिन पर गूगल ने एक खास डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। 

मोहम्मद रफी के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर याद किया
X

नयी दिल्ली। आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी के 93वें जन्मदिन पर गूगल ने एक खास डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। गूगल ने उनके सम्मान में उनकी एक तस्वीर साझा की है जिसमें वह गाना रिकॉर्ड कराते हुए नजर आ रहे हैं।

मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को पंजाब के कोटला सुल्तान सिंह गांव में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। यह बेहद दिलचस्प है कि रफी को संगीत की प्रेरणा एक फकीर से मिली थी। रफी अपने बचपन में ज्यादातर समय अपने भाई की नाई की दुकान पर बिताते थे। वह सात साल की उम्र से ही भाई की दुकान से होकर गुजरने वाले एक फकीर का पीछा किया करते थे जो उधर से गाते हुए जाया करता थ। फकीर की आवाज रफी को अच्छी लगती थी और वह उसकी नकल किया करते थे। उनकी नकल को देखकर लोगों को उनकी आवाज भी पसन्द आने लगी। रफी के बड़े भाई हमीद ने उनके संगीत के प्रति बढ़ते रूझान को पहचान लिया और उन्हें इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था।

एक बार हमीद रफी को लेकर के.एल.सहगल के संगीत कार्यक्रम में गये लेकिन बिजली नहीं रहने के कारण के.एल.सहगल ने गाने से इंकार कर दिया। हमीद ने कार्यक्रम के संचालक से गुजारिश की वह उनके भाई रफी को गाने का मौका दें। संचालक के राजी होने पर रफी ने पहली बार 13 वर्ष की उम्र में अपना पहला गीत स्टेज पर दर्शकों के बीच पेश किया । दर्शकों के बीच बैठे संगीतकार श्याम सुंदर को उनका गाना अच्छा लगा और उन्होंने रफी को मुंबई आने के लिये न्योता दिया।

वर्ष 1949 में नौशाद के संगीत निर्देशन में दुलारी फिल्म में गाये गीत ..सुहानी रात ढल चुकी .. के जरिये वह सफलता की उंचाईयों पर पहुंच गये और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा। दिलीप कुमार देवानंद .शम्मी

कपूर.राजेन्द्र कुमार .शशि कपूर.राजकुमार जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले रफी ने अपने संपूर्ण सिने कैरियर मे लगभग 700 फिल्मों के लिये 26000 से भी ज्यादा गीत गाये ।

मोहम्मद रफी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े प्रशंसक थे। वह फिल्म देखने के शौकीन नहीं थे लेकिन कभी-कभी वह फिल्म देख लिया करते थे। एक बार रफी ने अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार देखी थी। दीवार देखने के बाद रफी .अमिताभ के बहुत बड़े प्रशंसक बन गये।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it