गूगल ने डूडल बनाकर मशहूर कवयित्री कमला दास को किया याद
मलयालम भाषा की मशहूर कवयित्री कमला दास के काम और उनकी जिंदगी को याद करते हुए आज गूगल ने विशेष डूडल बनाया।

नयी दिल्ली। मलयालम भाषा की मशहूर कवयित्री कमला दास के काम और उनकी जिंदगी को याद करते हुए आज गूगल ने विशेष डूडल बनाया।
वर्ष 1934 में केरल में जन्मी कमला दास ने बहुत छोटी उम्र में कविताएं लिखना शुरू कर दी थी। उनकी मां बालमणि अम्मा भी बहुत अच्छी कवियित्री थीं।
मां से प्रेरणा लेकर उन्होंने मात्र छह साल की उम्र में कविताएं लिखना शुरू कर दीं थीं।
कमला दास ने जब अपनी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ लिखी तो पुरुष समाज को हिला कर रख दिया।
कमला दास की छवि एक परंपरागत महिला के रूप में थी लेकिन उनकी आत्मकथा इसके विपरीत थी।
उन्होंने अपने जीवन को शब्दों में पिरोते हुए जिस बेबाकी से स्त्री भावनाओं को लिखा उसके कारण विवाद खड़ा हो गया था।
उन्होंने महिलाओं के यौन जीवन और वैवाहिक समस्याओं के बारे में लिखने की हिम्मत की थीं।
उनकी आत्मकथा के कारण उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली।
‘माई स्टोरी’ का पंद्रह विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया गया।
मलयालम भाषा में कमला दास माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं. भारत की मशहूर साप्ताहिक पत्रिका ‘इलेस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ में भी उनकी कविताएं प्रकाशित होती थीं।
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