गूगल ने अनसूया साराभाई का बनाया डूडल
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अनसूया साराभाई के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर उनको समर्पित किया।

नई दिल्ली। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अनसूया साराभाई के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर उनको समर्पित किया। आपको बतां दे कि उन्होंने बुनकरों और टेक्स्टाइल उद्योग के मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए 1920 में मजदूर महाजन संघ की स्थापना की थी जो भारत के टेक्स्टाइल मजदूरों का सबसे बड़ा पुराना यूनियन है।
अनसूया साराभाई का जन्म 11 नवंबर 1885 को अहमदाबाद में साराभाई परिवार में हुआ, जो कि एक उद्योगपति और व्यापारिक लोगों के एक सम्रिध परिवार में से थी। उन्होंने लंदन से पढ़ाई कर भरत लौटने के बाद गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू किया।
वह जब महज 9 वर्ष की थीं, उनके माता-पिता का देहांत हो गया जिसके बाद उन्हें और उनके भाई बहनों को एक रिश्तेदार के पास भेज दिया गया। उनकी 13 वर्ष की छोटी सी आयु में शादी कर दी गयी। उनका वैवाहिक जीवन बेहद अल्पकालिक और दुःखद था।
वह 1912 में अपने भाई की सहायता से मेडिकल की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गईं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि एक मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के लिए उन्हें पशुआें की चीर-फाड़ करनी पड़ेगी तो उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी। बाद में उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रवेश लिया।
ब्रिटेन प्रवास के दौरान वे फेबियन सोसाइटी से बहुत प्रभावित हुईं। लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वदेश लौटने पर उन्होंने मिल में 36 घंटे की शिफ्ट खत्म करने के बाद थक कर घर लौट रहे मिल के मजदूरों की दयनीय स्थिति देखी। इसके बाद उन्होंने बुनकरों और मिल मजदूरों के हित में काम करने का फैसला किया तथा गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू किया।
अहमदाबाद में सन 1914 में श्रम आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया। इस दौरान वह एक महीने लंबी चली हड़ताल में भी शामिल रहीं। बुनकर मजदूरी में 50 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे थे, लेकिन उनको 20 प्रतिशत की वृद्धि ही मिल रही थी, जिसके बाद उन्होंने हड़ताल की थी। अनसूया साराभाई इस दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में काम कर रही थीं। गांधी जी ने भी श्रमिकों की ओर से भूख हड़ताल शुरू कर दी, तब जाकर श्रमिकों को 35 प्रतिशत वृद्धि हासिल हुई थी।
अनसूया साराभाई को प्यार से मोटाबेन भी कहा जाता था, जो कि गुजराती भाषा में बड़ी बहन को संबोधित करता है। उनका निधन 1972 में 87 वर्ष की आयु में हुआ। इस गूगल डूडल को कनाडाई मूल की पाकिस्तानी नागरिक मारिया कमर ने तैयार किया है।


