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भारत में गोअन फुटबाल की नई पहचान बने 'गौर्स'

गोवा कोलकाता के तीन दिग्गज क्लबों से भी अधिक ताकतवर माने जाने लगे थे और भारतीय फुटबाल में इनका नाम काफी सम्मान से लिया जाता था।

भारत में गोअन फुटबाल की नई पहचान बने गौर्स
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फातोर्दा (गोवा) । एक समय ऐसा था जब चार क्लब गोवा फुटबाल का पर्याय बन चुके थे। 'बिग फोर' नाम से मशहूर डेम्पो स्पोर्ट्स क्लब, सलगांवकर स्पोर्ट्स क्लब, चर्चिल ब्रदर्स एफसी और स्पोर्टिग क्लब दे गोवा कोलकाता के तीन दिग्गज क्लबों से भी अधिक ताकतवर माने जाने लगे थे और भारतीय फुटबाल में इनका नाम काफी सम्मान से लिया जाता था। इनमें से तीन ने कई बार कई खिताब जीते। स्पोर्टिग क्लब दे गोवा दो मौकों पर इसके करीब पहुंचा लेकिन अंतिम बाधा पार नहीं कर सका। अब गोवा में फुटबाल की सूरत बदल गई है। एक समय एसा था जब गोअन फुटबाल ने भारत के टॉप डिवीजन लीग में डॉमिनेट किया था लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब गोवा में फुटबाल लगभग लुप्त हो गया था। अब गौर्स के नाम से मशहूर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में खेलने वाले क्लब एफसी गोवा गोअन फुटबाल की नई पहचान बन चुका है।

बीते कई वर्षो एफसी गोवा हर गोवावासी की जुबान पर है। गौर्स ने फुटबाल के दम पर फैन्स के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। यह क्लब इस क्षेत्र में फुटबाल के विकास के लिए लंबे समय से कई ग्रासरूट प्रोग्राम भी चला रहा है।

इससे एफसी गोवा को आईएसएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का बल मिला है। पांच में से सिर्फ एक बार ही ऐसा हुआ है कि यह क्लब शीर्ष-4 में जगह नहीं बना सका। बीते दो वर्षो में सर्गियो लोबेरा की देखरेख में गोवा ने भारतीय फुटबाल में अटैकिंग फुटबाल के रूप में स्पेनिश शैली की छौंक लगाई है।

एफसी गोवा के अध्यक्ष अक्षय टंडन ने कहा, "मुझे लगता है कि हम पूरी कम्यूनिटी को रिप्रेजेंट करते हैं। यही कारण है कि हम इस ताने-बाने का हिस्सा बन गए हैं। हम अपने फैन्स को अपने साथ जोड़े बगैर कोई काम नहीं करते। वे हमेशा हमसे जुड़ी मार्केटिंग एवं सीजन टिकट गतिविधयों का हिस्सा होते हैं। मुझे लगता है कि हम आईएसएल का एकमात्र ऐसा क्लब है जो 1000 सीजन टिकट होल्डर्स को पार कर चुका है और इस सीजन में हम 1500 टिकट होल्डर्स को भी पार कर जाएंगे।"

सीनियर टीम के अलावा इस क्लब ने यूथ अकादमी और एज-कटेगरी टीमों का एक शानदार पिरामिड खड़ा किया है। खास बात यह है कि यह टीमें अपने सीनियर टीमों से जुड़ी रही हैं। एफसी गोवा की डेवलप्मेंटल टीम ने 2018-19 में गोवा प्रो लीग जीती।

इसके अलावा, एफसी गोवा के पास यू-14, यू-16, यू-18 और यू-20 टीमें हैं। इन टीमों में शामिल खिलाड़ियों का मकसद सीनियर टीम के लिए खेलना है। सिर्फ दो साल में मोहम्मद नवाज, लिस्टन कोलाको, सेवियर गामा और जोनाथन कादार्जो सीनियर टीम में जगह बना चुके हैं और इस सीजन में कुछ और खिलाड़ी उनकी राह पर चलते हुए दिखेंगे।

गोवा के पास किसी अन्य टीम की तुलना में सबसे अधिक लोकल खिलाड़ी हैं। बीते सीजन में आठ खिलाड़ी स्थानीय थे। यह किसी अन्य क्लब से अधिक संख्या है। इनमें से चार-मंदार राव देसाई, ब्रेंडन फर्नाडिस, शेरिटन फर्नाडिस और लेना रॉड्रिगेज सीनियर टीम में स्थायी जगह बना चुके हैं।

टंडन ने कहा, "हमारा सब कुछ फैन्स की बदौलत है। हम सब कुछ फैन्स के लिए करते हैं और हम यह सब कम्युनिटी की मदद से करते हैं। हम इस टीम में स्थानीय खिलाड़ियों को शामिल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इसलिए हम एफसी गोवा को मिल रहे प्यार के लिए गोवा में अपने फैन्स को धन्यवाद करना चाहेंगे। हम जानते हैं कि वे फुटबाल के प्रति कितने पैशनेट हैं। इसीलिए वे हमें जितना प्यार देते हैं, हम उन्हें उतना ही प्यार और सम्मान देने का प्रयास करते हैं। और उनके गर्व का रक्षक बनने का हमारे पास यही एक रास्ता है।"

गोवा में जब भी मैच होता है तो इस क्लब के फैन्स का जुनून देखते ही बनता है। फातोर्दा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की ओर मैच के दिन जाती हर एक कार एफसी गोवा के रंगों से रंगी रहती है। एफसी गोवा मैदान में तो आग उगलता ही है, मैदान के बाहर भी शानदार काम कर रहा है। इसका फोर्सा गोवा फाउंडेशन पूरे साल 1000 से अधिक बच्चों को ट्रेन करता है और आगे आने वाले कई सालों तक करता रहेगा।


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