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भगवान का प्रसाद बने मास्क

कोरोनाकाल में हर चीज पर पाबंदी है। ऐसे में धार्मिक स्थलों पर होने वाले अनुष्ठान रद्द किए जा रहे हैं या फिर उनमें कटौती की जा रही है।

भगवान का प्रसाद बने मास्क
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वाराणसी | कोरोनाकाल में हर चीज पर पाबंदी है। ऐसे में धार्मिक स्थलों पर होने वाले अनुष्ठान रद्द किए जा रहे हैं या फिर उनमें कटौती की जा रही है। इन्हीं सबके बीच धर्मनगरी काशी में मास्क को आस्था से जोड़कर भगवान के प्रसाद के रूप में वितरण किया जा रहा है।

लोगों में जागरूकता लाने के लिए यह किया जा रहा है।

माना जा रहा कि जिस तरह से देवस्थानों पर चढ़ाए जाने वाले चुनरी, कपड़े आदि को घर के पूजाघर में रखकर शुद्घ और सात्विक मन से आराधना की जाती है, ठीक वैसे ही प्रसाद के रूप में मिले मास्कों को आस्थावान लोग वैसे ही महत्व देंगे। वे कोरोना से बचाव के लिए अपने मुंह में लगाए रहेंगे।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थिति लक्सा मंगलेश्वर महादेव मिसिर पोखरा मंदिर में समाजसेवी चंद्रेश नाराण पांडेय भगवान के प्रसाद के रूप में मास्क चढ़ा रहे हैं। इसके बाद वह इसका वितरण भी कर रहे हैं। हर दिन उन्होंने 100 मास्क बांटने का लक्ष्य रखा है।

चंद्रेश पांडेय ने आईएएनस से कहा, "देश इस समय वैविक महामारी के दौर से गुजर रहा है। इसका जब इलाज नहीं है तो लोगों को जागरूक करना अपना काम है। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर भगवान के प्रसाद को लोग बड़ी श्रद्धा से रखते हैं। इसका जितना वितरण होता है, उतना चढ़ाने वाले को पुण्य मिलता है। इन्हीं बातों को ध्यान रखकर हमने सावन के माह में यह शुभ काम शुरू कर दिया है। हर दिन मंदिर में चढ़ाकर 100 मास्क वितरित किए जा रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि अभी तक जो उन्होंने लक्ष्य बनाया है, उसमें यह तय किया है कि जब तक यह महामारी खत्म नहीं हो जाती, तब तक मंदिर में भोग लगाने के बाद हर रोज जरूरतमंदों को मास्क का वितरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जो मंदिर में महादेव के दर्शन करने आ रहे हैं। उन्हें मास्क पहनने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जो लोग मास्क नहीं पहन कर आ रहे हैं, उन्हें प्रसाद के रूप में एक मास्क दिया जा रहा है। इसके साथ उन्हें मास्क लगाने से क्या बचाव होगा, इसकी जानकारी भी दी जा रही है।

चंद्रेश पांडेय ने बताया कि भगवान का प्रसाद वितरण ज्यादा करने से पुण्य मिलता और आत्मसंतुष्टि होती है। कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए मास्क बहुत उपयोगी है। लेकिन उसके बाद भी लापरवाही देखी जा रही है। ऐसे में मंदिर में मास्क को अब आस्था से जोड़ दिया गया है, ताकि लोग इसे गंभीरता से ले और कोरोना से विजय पा सकें।

दर्शन करने आए शिवम ने बताया कि हमेशा की तरह वह रोज दर्शन करने आते हैं। उन्हें प्रसाद भी मिलता है। लेकिन आज नई चीज देखने को मिली है। यहां दर्शन के बाद प्रसाद के रूप में मास्क मिला है।

मंदिर पहुंचे आशीष मिश्रा ने बताया कि दर्शन करने के बाद प्रसाद के रूप में उन्हें मास्क मिला। साथ ही बताया कि गया कि मास्क वायरस को हराने के लिए कितना कारगर है।


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