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गोवा में देश ‘फिशिंग हब’ बनने की क्षमता है: गिरिराज सिंह

केंद्रीय पशुपालन , डेयरी एवं मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को कहा कि गोवा में देश ‘फिशिंग हब’ बनने की क्षमता है

गोवा में देश ‘फिशिंग हब’ बनने की क्षमता है: गिरिराज सिंह
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पणजी। केंद्रीय पशुपालन , डेयरी एवं मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को कहा कि गोवा में देश ‘फिशिंग हब’ बनने की क्षमता है।

गिरिराज सिंह ने यहां राजभवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तटीय राज्य में प्रचुर मात्रा में मछली उत्पादन की क्षमता है और यहां से अच्छी किस्म की मछलियों का निर्यात किया जा सकेगा। राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के मुताबिक 200 वर्ग किलोमीटर के दायरे में केज विकसित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय समुद्री मत्स्य शोध संस्थान (सीएमएफआरआई) का भी मंतव्य है कि गोवा के समुद्र तट काफी लंबे हैं और पर्यावरण एवं पर्यटन को सुरक्षित रखते हुए 75 किलोमीटर के दायरे में 30 लाख केज स्थापित किये जा सकते हैं। यह समुद्री संस्कृति का एक नया मॉडल भी होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ वर्तमान में गोवा एक लाख टन मछली का उत्पादन कर रहा है लेकिन यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है। गोवा में काफी संख्या में जलाशय हैं जहां केज विकसित किया जा सकता है। हम सीएमएफआरआई और गोवा सरकार के साथ चर्चा कर मत्स्य बीजों की व्यवस्था करेंगे। इसके अलावा गोवा सरकार से केज विकसित करने के लिए कम से कम 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए कहेंगे।”

उन्होंने कहा कि 125-130 करोड़ रुपये के निवेश से राज्य में एक नया बंदरगाह विकसित किया जाएगा।


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