जीडीए और सीआरआरआई के बीच होगा एमओयू
हॉट सिटी को जाम की समस्या से मुक्त कराने के लिए जीडीए और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीटयूट यानि सीआरआरआई मिलकर योजना तैयार करेंगे

गाजियाबाद। हॉट सिटी को जाम की समस्या से मुक्त कराने के लिए जीडीए और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीटयूट यानि सीआरआरआई मिलकर योजना तैयार करेंगे। इसके लिए सोमवार को दोनों के बीच एमओयू साइन होगा।
जीडीए और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीटयूट यानि सीआरआरआई मिलकर अगले 20 सालों यानि 2039 तक के लिए जिले के यातायात प्रबंधन का खाका तैयार करेंगे। प्लॉन के तहत सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर के लिए भी यातायात प्लॉन तैयार होगा।
सीएटीपी इश्तयाक अहमद ने बताया कि प्लान तैयार कराने फीस को लेकर अभी तक मामला रुका हुआ था। जोकि अब खत्म हो चुका है। सोमवार को दोनों संस्थान इस योजना का एमओयू साइन करेंगे।
फीस पर रुका था पेंच
दोनों संस्थानों के बीच इस प्लॉन लेकर काफी समय से बात चल रही है। 10 जनवरी को सीआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी से मिले भी थे। बैठक के दौरान सीआरआरआई की ओर से 9 महीने में 117 लाख की लागात से पूरा प्लॉन तैयार करने की बात रखी गई। लेकिन जीडीए चाहता था कि सीआरआरआई कम दाम पर पूरी रिपोर्ट तैयार करे।
जिसपर आपत्ति जताते हुए जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी ने कहा था कि वह 1 करोड़ से कम की लागात में प्लॉन तैयार कराना चाहती हैं। सीएटीपी ने बताया कि अब सीआरआरआई 1 करोड़ में प्लॉन बनाने के लिए तैयार हो गया है। एमओयू साइन होते ही जल्द से जल्द इस पर काम शुरू हो जाएगा। इस साल गाजियाबाद को यातायात समस्या से पार पाने के लिए एक ठोस योजना मिल जाएगी।
9 महीने में तैयार होगा 20 साल का यातायात प्लॉन
काम्प्रहेंसिव मोबिलिटी प्लॉन के तहत सीआरआरआई 9 महीनों में शहर के यातायात का पूरा ब्यौरा इकट्ठा कर अगले बीस सालों के लिए यातायात प्रबंधक प्लॉन बनाएंगे। 9 महीनें की यह प्रक्रिया 3-3 महीने के तीन चरणों में पूरी होगी। पहले तीन महीनों में शहर के यातायात का डाटा इकट्ठा किया जाएगा।
जिसमें शहर के मुख्य चौराहों, जाम प्वाइंट और ब्लैक स्पॉटों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद अगले तीन महीनें इस डाटा का विशलेषण कर वर्तमान में यातायात को मैनेज करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। आखिरी तीन महीनों में इसी डाटा के आधार पर जिले में जाम की समस्या को खत्म करने के लिए अगले 20 सालों का प्लॉन तैयार होगा। जिसमें कहां पुल बनना, कहां सड़क चौड़ी होनी है, कहां नई सड़क बनानी है। कहां लालबत्ती बनानी है कहां हटानी है।
कहां कट बनाना है, कहां कट बंद करना। किन सड़कों को वन-वे करना है। किन जगहों पर मेट्रो की जरूरत है आदि सुझाव शामिल रहेंगे। जिसके सुझावों के आधार पर ही मेरठ तिराहे की निर्माण कराया गया और राजनगर एक्सटेंशन चौराहे पर बनने जा रहे फ्लाईओवर का निर्माण होगा।
इश्तयाक अहमद (सीएटीपी) - जीडीए और सीआरआरआई के बीच सोमवार को एमओयू साइन हो जाएगा। जल्द ही इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा।


