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बालिका के साथ दुष्कर्म, हत्या मामले में आरोपी को आज मौत की सजा

ओडिशा में पॉक्सो की विशेष अदालत ने छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए आज उसे मौत की सजा सुनायी

बालिका के साथ दुष्कर्म, हत्या मामले में आरोपी को आज मौत की सजा
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कटक। ओडिशा में पॉक्सो की विशेष अदालत ने छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए आज उसे मौत की सजा सुनायी।

अपर सत्र न्यायाधीश एवं पॉक्सो विशेष अदालत के वंदना कार ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी मोहम्मद मुश्ताक को दोषी ठहराया तथा उसे मौत की सजा सुनायी। मुश्ताक पर 21 अप्रैल 2018 को सालेपुर थाना के जगन्नाथपुर गांव की छह वर्षीय बालिका को स्कूल से चॉकलेट का लालच देकर उससे दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने का आरोप है।

दो संतानों के पिता मुश्ताक बालिका को चॉकलेट देने के बहाने 21 अप्रैल की रात में एक स्कूल के अंदर ले गया तथा उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। जब बालिका चिल्लाई और रोने लगी तो मुश्ताक ने उसके सिर पर ईंट से वार कर दिया और मौके से भाग गया।
यह घटना ठीक उसी दिन हुई जब ओडिशा सरकार ने राज्य में संशोधित पॉक्सो कानून लागू किया।

बालिका के अभिभावकों ने उसे अगले दिन स्कूल के पास से गंभीर स्थिति में पाया। पहले उसे पास के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया तथा बाद में उसे कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया गया। जीवन एवं मृत्यु से संघर्ष के बीच बालिका ने 29 अप्रैल को दम तोड़ दिया।

माता-पिता की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई करते हुए मुश्ताक को गिरफ्तार कर लिया तथा उसके विरूद्ध पॉक्सो कानून की धारा छह तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किये। घटना के 19 दिनों के भीतर ही यह आरोपपत्र दायर किया गया था।

अदालत ने 23 गवाहों के बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर बुधवार को मुश्ताक को बालिका का अपहरण करने, दुष्कर्म करने और हत्या करने का दोषी ठहराया था तथा उसे आज सजा सुनाने की तारीख मुकर्रर की थी।

ओडिशा में पिछले दो माह के दौरान दुष्कर्म और हत्या के मामलों में पॉक्सो संशोधित कानून के तहत मौत की सजा सुनाये जाने का यह चौथा मामला है। पॉक्सो संशोधित कानून में 12 वर्ष तक की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है।

गत 26 जुलाई को अंगुल पॉक्सो अदालत ने पहली बार श्रीनिवास देहुरी को मौत की सजा सुनायी थी जबकि मयूरभंज पॉक्सो अदालत ने 29 अगस्त को जे महंत को मृत्युदंड की सजा दी थी। तीसरे मामले में तटीय ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के लबा माना को फांसी की सजा सुनायी गयी थी।


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