गाजियाबाद : फॉरेंसिक लैब का हुआ उद्घाटन
उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरी तरह से आधुनिकीकरण करने का कार्य 2019 तक पूरा हो जाएगा

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने आज गाजियाबाद जिले के निवाड़ी इलाके में बनी फॉरेंसिक लैब का उद्घाटन किया।
करीब 60 करोड़ रुपये की लागत से बनी प्रयोगशाला का अधिकांश कार्य समाप्त हो चुका है लेकिन इसकी दक्षता बढ़ाने और कुछ बचे हुए कार्य पूर्ण कराने के लिए 17 करोड़ रुपए की और जरुरत है।
गाजियाबाद के निवाड़ी की लैब शुरू होने के बाद दूसरी लैब गोरखपुर और तीसरी लैब इलाहाबाद में बनेगी। उन्होंने कहा कि लैब के कार्य में कोई अवरोध न आए, इसके लिए साइबर वैज्ञानिकों को संविदा पर रखा जाएगा।
डीजीपी सिंह ने कहा कि निवाड़ी की फॉरेंसिक लैब शुरू हो जाने के बाद एनसीआर के मेरठ परिक्षेत्र में होने वाली घटनाओं के बिसरों की जांच अब एक माह में हो सकेगी। इसके बाद जल्द ही दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद साइबर अपराध से जुड़े मामलों का जांच कार्य यहां जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
डीजीपी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दस जिलों गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, बुलंदशहर और बिजनौर को इस फोरेंसिक लैब का लाभ मिलेगा। इस लैब में नार्को टैस्ट, डीएनए, दुष्कर्म से जुड़े मामलों की जांच में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पुलिस को अब हत्या के मामलों में बिसरा रिपोर्ट के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के मामलों की जांच आगरा की फॉरेंसिक लैब से होती थी इस कारण मामलों की जांच को पुलिस को महीनों लंबित रखना पड़ता था।
सिंह ने कहा कि गाजियाबाद की इस लैब में करीब 174 वैज्ञानिकों की टीम 16 प्रकार के अपराधिक मामलों से जुड़े टेस्ट करे सकेगी। यहां उत्तर प्रदेश के अलावा आवश्यकता अनुसार दूसरे प्रदेश के सैंपलों की जांच भी की जा सकेगी।
फॉरेसिंक लैब के उद्घाटन अवसर पर यहां की प्रभारी डॉ.अर्चना त्रिपाठी ने मीडिया को लैब के बारे में तकनिकी जानकारी देते हुए बताया कि लैब में दो कोल्ड रूम बनाए गए हैं, जिसमें एक का तापमान चार डिग्री व दूसरे का -20 डिग्री सेल्सियस होगा।
हालांकि, अभी तक लैब में कार्य करने वालों के लिए आवासीय कॉलोनीऔर गेस्ट हाउस का कार्य अधूरा है। इन सभी अधुरे कार्यों को पुरा कराने के डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिए है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लिए यह लैब करीब छह वर्ष में बनकर तैयार हुई है। इसके लिए पूर्व की सरकारों का सराहनीय योगदान रहा।
फॉरेंसिक लैब के उद्घाटन अवसर पर अपर महानिदेशक (टैक्नीकल) आशुतोष पांडे ,एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार, नोएडा एसएसपी अजय पाल, गाजियाबाद एसएसपी वैभव कृष्ण, सीओ एलआईयू अलका सिंह समेत अनेक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।


