गाजियाबाद : कौशांबी में पानी की गुणवत्ता खराब, जल्द अधिकारी करेंगे बैठक
गाजियाबाद के कौशांबी का पानी जांच में फेल हो गया है। दिल्ली की एक लैब में कौशांबी अपार्टमेंट रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कारवां) ने पानी की जांच कराई, जिसमें क्लोराइड की मात्रा दोगुना और टीडीएस की मात्रा चार गुना पाई गई है

नई दिल्ली। गाजियाबाद के कौशांबी का पानी जांच में फेल हो गया है। दिल्ली की एक लैब में कौशांबी अपार्टमेंट रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कारवां) ने पानी की जांच कराई, जिसमें क्लोराइड की मात्रा दोगुना और टीडीएस की मात्रा चार गुना पाई गई है।
कारवां ने कौशांबी के कामदगिरी, विंध्याचल और सुमेरू टॉवर से पानी का नमूना लिया। इन्हे कमला नेहरू नगर स्थित नेशनल टेस्ट हाउस और दिल्ली की एक लैब में इसकी जांच कराई गई, वहीं जांच में पानी के तीनों सैम्पल फेल हो गए।
हालंकी भूगर्भ जल विभाग के नोडल अधिकारी हरि ओम ने आईएएनएस को बताया कि, मामला संज्ञान में आ गया है हम आगामी तीन तारिक को डीएम साहब की अध्यक्षता में बैठक करने जा रहे हैं जिसमें जल विभाग, पॉल्यूशन व सबंधित विभाग के लोग रहेंगे, जिसके बाद उसमें तय होगा कि आगे क्या करना है और पानी की जांच होगी या नहीं।
इस मामले पर विध्यांचल बिल्डिंग एसोसिएशन की सचिव रेखा बक्शी ने आईएएनएस को बताया कि, कौशांबी अपार्टमेंट रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कारवां) के अध्यक्ष विनय कुमार मित्तल द्वारा यह जांच कराई गई, पानी की समस्या काफी समय से चल रही है। लोग आए दिन बोलते थे, कि पानी में बदबू आ रही है। फिर बाद हर कोई इसकी चर्चा करने लगा की पानी को सुधारने का काम किया जाए और रेन वाटर हारवेस्टिंग पर काम किया जाए।
छट पूजा के दौरान गंगा कैनाल की सफाई करने के कारण इसे बंद कर दिया जाता है, जिसके बाद हम लोग ग्राउंड वॉटर पर निर्भर हो जाते हैं। मेरी जानकारी में कई ऐसी मरीज है जिन्हे कैंसर की बीमारी है और कई लोगों की मौत होती है। हालांकि मैं साफ तौर पर नहीं कह सकती यह पानी के कारण ही होती है, लेकिन एक कारण पानी भी है।
उन्होंने आगे बताया कि, हमें आरओ का इस्तमाल करने के बाद भी पानी का टीडीएस बढ़ा हुआ होता है। हमने फिर दो -तीन टावर के क्षेत्रों से भूमिगत पानी की जांच कराई, जिसमें काफी गंभीर स्थिति निकल कर सामने आई है।
कौशांबी अपार्टमेंट रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कारवां) के अध्यक्ष विनय कुमार मित्तल के मुताबिक, कौशांबी में पिछले कुछ सालों में कैंसर, किडनी और लिवर के मरीजों के मामले सामने आएं हैं। यह एक कड़वा सच है। हमने इस मसले पर जीतने भी सबंधित विभाग और अधिकारी हैं, उन सभी को सूचित किया है।
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने आईएएनएस को बताया कि, हम प्राइवेट जांच को मान्यता नहीं देते हैं, जब तक हम अपना टेस्ट कराया जाए, मैंने अपने अधिकारियों को जांच कराने का आदेश दिए हैं। ग्राउंड वॉटर के लिए एक अलग विभाग है।
जो बोरिंग हम करते हैं उसकी जिम्मेदारी हमारी होती है कि उस पानी की गुणवत्ता क्या है. लेकिन यदि आपने अपनी निजी बोरिंग कराई है तो उसमें क्या गुणवत्ता निकली उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है। उन्होंने कौनसा बोरिंग की जांच कराई, अभी हमें यह साफ नहीं हुआ है।
दरअसल क्षेत्र को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, साल में करीब तीन महीने गंगा वॉटर की सप्लाई भी बंद रहती है, ऐसे में नगर निगम द्वारा सप्लाई किए जा रहे पानी और भूमिगत जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है।


