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चिंगारी के अंगार बनने से पहले हरकत में है प्रशासन,योगी सरकार के ज्यादातर फैसलों पर उठ रहे सवाल

गाजियाबाद ! यूपी के ज्यादातर जिलों से अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। ऐसे में एक सवाल जेहन में कौंधता है योगी राज में जनता क्यों उग्र है।

चिंगारी के अंगार बनने से पहले हरकत में है प्रशासन,योगी सरकार के ज्यादातर फैसलों पर उठ रहे सवाल
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गाजियाबाद ! यूपी के ज्यादातर जिलों से अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। ऐसे में एक सवाल जेहन में कौंधता है योगी राज में जनता क्यों उग्र है। कभी रोमियो तो कभी गोरक्षक दल किस आधार पर न्याय दंड उठा मनमानी कर रहे हैं। वर्षों से चले आ रहे जिन मुद्दों पर पब्लिक अब तक चुप बैठी थी, उन्हीं मुद्दों पर लोग अब सडक़ पर हैं।
लोग कानून भी हाथ में लेने से गुरेज नहीं कर रहें। चार दिन से जिले भर के शराब ठेकों पर शुरू हुआ उग्र विरोध प्रदर्शन इसकी जीती जागती मिसाल है। विरोध के यह स्वर आखिर मुखर क्यों क्या इसके पीछे कोई संगठन या गुट काम कर रहा है। यही वजह है कि इस चिंगारी को अंगार बनने से पहले ही शासन एक बार फिर एक्शन में है। शराब के ठेकों पर हो रहे उग्र प्रदर्शन को लेकर मुख्य सचिव ने चेताया है। अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर अफसरों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
अचानक तेजी से हो रहे हंगामों और तोडफ़ोड़ की वारदातों से प्रशासनिक अफसर भी हतप्रभ हैं। डीएम निधि केसरवानी का कहना है कि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि तोडफ़ोड़ के पीछे किसी की साजिश भी हो सकती है। लोकल स्तर की राजनीति भी ऐेसे हंगामों को हवा दे सकती है। इसी के चलते अब खुफिया विभाग की टीमों को हंगामों की सच्चाई जानने के लिए लगाया गया है।
शराब की दुकानों को लेकर अब तक आ चुुके है 18 शिकायतें
गाजियाबाद में शराब की दुकानों के विरोध में किस कदर तेजी आई है, इसका पता चलता है कि विगत छह दिनों में प्रशासन के पास अब तक 18 दुकानों को लेकर पब्लिक अपनी शिकायत दर्ज करा चुकी है।
डीएम निधि केसरवानी के अनुसार शराब की पांच नई दुकानों के साथ ही और 10 से 15 साल पुरानी 13 दुकानों पर पब्लिक अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। वास्तव में अगर यह दुकानें मानकों के विपरीत स्थापित की गई हैं तो उन्हें बंद कराया जाएगा। विगत तीन दिनों के अंदर ही गाजियाबाद में अलग-अलग स्थानों पर शराब की पांच दुकानें लोगों के गुस्से का शिकार हो चुकी हैं।

बुधवार को भी पुराना बस अड्डा चौक और दौलतपुरा स्थित शराब के ठेकों पर महिलाओं ने जमकर तोडफ़ोड़ कीया था और धरना भी दिया था । पुराना बस अड्डा वाले मामले में सिहानी गेट पुलिस ने 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
एसडीएम और सीओ की टीम बनाकर कराई जाए जांच
शराब के ठेकों को लेकर विरोध प्रदर्शनों और तोडफ़ोड़ की घटनाओं में आई तेजी से शासन भी सकते में है। शासन के मुख्य सचिव ने पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर निर्देश दिया है कि जिन दुकानों पर पब्लिक का विरोध दिख रहा है, उनकी एसडीएम और सीओ की टीम बनाकर जांच कराई जाए। इस दौरान पुलिस अफसरों को यह भी देखना होगा कि कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में लेने की कोशिश न करे। हंगामा और तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। डीएम निधि केसरवानी ने खुद भी जनता से अपील की है कि वह कानून हाथ में लेकर प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर न करें। कहीं कोई गड़बड़ी है तो उसकी शिकायत पुलिस-प्रशासनिक अफसरों से की जाए।


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