पुलिस ने सट्टा लगाने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
गाजियाबाद ! मामला साहिबाबाद थाने के वृन्दावन के ग्रीन अपार्टमेंट मकान नंबर 1020, 10 फ्लोर का है। जहां पुलिस को मुखबिर की सूचना पर 5 लोगो को ऑनलाइन आईपीएल पर सट्टा लगाने की सूचना मिली।

आईपीएल में सट्टा लगाते पांच गिरफ्तार
गाजियाबाद ! मामला साहिबाबाद थाने के वृन्दावन के ग्रीन अपार्टमेंट मकान नंबर 1020, 10 फ्लोर का है। जहां पुलिस को मुखबिर की सूचना पर 5 लोगो को ऑनलाइन आईपीएल पर सट्टा लगाने की सूचना मिली। जिससे पुलिस की क्राइम ब्रांच की शाखा के प्रभारी सुरेश चंद्र ने अपनी टीम के साथ मिलकर छापा मारा जहां से पुलिस को मौके पर एक लैपटॉप, एक वाई फाई मॉडेम, एक एलसीडी, दो कैलक्युलेटर, 12000 रुपए व सट्टा पर्ची के साथ पकड़ा। मंगलवार दोपहर 2 बजे एसपीसिटी आकाश तोमर ने प्रैस कांफ्रेंस कर गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी दी। गिरोह का सरगना पारस नारंग पुत्र गुलसन नारंग निवासी दिलशाद कॉलोनी के है जो कि इस मकान को किराए पर लेकर काफी समय से इस पूरे नेटवर्क को चला रहा था। उसने बताया कि सीरीज खेलने के लिए एक लाइन होती थी जिसे 3000/ रुपए मैं कोई भी इसका एजेंट बन सकता है। जो मोबाइल पर लगातार आईपीएल क्रिकेट सीरीज सट्टे का भाव बताती है। हम सब एक ग्रुप बना कर एक जगह बैठ जाते है और वहां पर एक एलसीडी, लॅपटॉप व रिकॉर्डिंग करने वाले मोबाइल होते थे जिससे हम लोगो का ग्रुप बनाते थे और हम अपनी जान पहचान के वालो लोगो को सट्टा खिलाते थे । और साथ ही उन सब को एक मोबाइल नंबर सभी को देते थे और जिससे 30,40 व्यक्ति जुड़ते थे। और उनको फ्रंटर के नाम से जाना जाता था जो उनके नीचे काम करते थे। वो क्रिकेट सीरीज सुरु होने से पहले उनसे एडवांस के रूप मे 10,000 से लेकर 50,000 रुपए तक लेते थे। जब मैच शुरु होता था तो हर बॉल व हर ओवर का लगातार मोबाइल पर प्रसारण होता था। और जो एलसीडी होती थी उस पर क्रिकेट मैच देखते थे। और बुकी के ग्रुप पर फोन आते थे और वो उसके भाव बताते रहते थे। और इनके ग्रुप का एक आदमी लैपटॉप पर बुकी की हर शर्त लिखता था। और एक व्यक्ति एक रजिस्टर मैं भी नोट करता था। और बचे हुए व्यक्ति फ्रंटरो के मोबाइल नम्बर की देखरेख करते थे। और उनकी कॉल को सुनकर बताते थे और ये लोग ऐसे मोबाइल का प्रयोग करते थे। जिसमें कॉल रिकॉर्डिंग होती थी। और जब मैच समाप्त होने के बाद ये लोग ये सभी लोग फ्रंटरो की रिकॉर्डिंग सुनते थे कि कौन कितना जीता कितना हारा और वो मैच के बाद कैलक्युलेटर से हिसाब करते थे।


