करोड़ों की ठगी पर पुलिस ने नहीं किया मामला दर्ज
गाजियाबाद ! हर छोटे छोटे मामले में एफआईआर दर्ज करने वाली गाजियाबाद पुलिस एक हजार करोड़ ठगी के मामले में तीन दिन बाद भी अभी तक मामला नहीं दर्ज किया है।

गाजियाबाद ! हर छोटे छोटे मामले में एफआईआर दर्ज करने वाली गाजियाबाद पुलिस एक हजार करोड़ ठगी के मामले में तीन दिन बाद भी अभी तक मामला नहीं दर्ज किया है। इससे नाराज पीडि़त पुलिस पर आरोपियों से मिली भगत का आरोप लगा रहे है। साथ ही कुछ बीजेपी नेताओं को भी पीडि़तों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है । आप को बता दें कि साहिबाबाद लाइक के नाम पर 1000 करोड़ की ठगी करने वाली कथित पेवे कंपनी के खिलाफ सोमवार से लेकर अब तक करीब 35 लोग शिकायत दे चुके हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक केस दर्ज नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के कुछ नेताओं के बेहद करीबी लोग भी इस घोटाले में शामिल हैं इसलिए पुलिस इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। एसएसपी ने एएसपी से कहा है कि वह 2 दिन में इस मामले की जांच रिपोर्ट सौंपें।
पीडि़तों का कहना है कि छोटे-मोटे मामलों में पहले एफआईआर दर्ज की जाती है इसके बाद जांच होती है लेकिन इसमें पहले जांच की जाएगी फिर कार्रवाई होगी। पीडि़त पुलिस से गुजारिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें लगातार टरकाया जा रहा है। जब तक रिपोर्ट नहीं दर्ज होगी तब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी, ऐसे में आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर चले जाएंगे। एसएसपी ने एएसपी बॉर्डर से कहा कि जांच कर 2 दिन में इस मामले की रिपोर्ट दें, तब तक तो बहुत देर हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री के बेटे के करीबी व भाजपा नेताओं पर भी आरोप
कंपनी से जुड़े लोगों ने बताया कि सोशल ट्रेड कंपनी के अधिकारी बातचीत के दौरान बड़े नेता व उसके परिवार की ओर से फंडिंग करने की जानकारी देते थे। ऐसे में लोगों को कंपनी पर भरोसा हो गया और उन्होंने खुद मेंबर बनने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी कंपनी से जोड़ लिया। पेवे कंपनी के एक मेंबर ने बताया कि उसने नेताओं के जुड़े होने की बात पर भरोसा करने के बाद ही फ्रॉड कंपनी में 5 करोड़ रुपये लगाए थे। वहीं, इस मामले में मुख्य आरोपी व अन्य लोगों को बचाने में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे के बेहद करीबी व बीजेपी नेताओं पर भी आरोप लग रहे हैं।
दो और कंपनियों पर नजर
ऐड्सकैश और पेवे जैसी कंपनियों के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपये की ठगने के मामले सामने आने के बाद पुलिस की नजर गाजियाबाद में चल रही 2 और कंपनियों पर है। ये दोनों कंपनियां भी सोशल ट्रेडिंग का काम करती हैं। एक कंपनी मेरठ रोड स्थित हरबंश नगर में है, जबकि दूसरी इंदिरापुरम के अहिंसा खंड में है। ये दोनों ही कंपनियां एफडीएसए की लिस्ट में भी हैं, जिसकी जानकारी फरवरी में डीआईजी मेरठ के. एस. इमेनुएल को भी दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने दोनों कंपनियों की डिटेल निकालने का काम शुरू कर दिया है।
ग्राहकों की मोटी कमाई पर ऐश
सूत्रों के अनुसार कंपनी 20 हजार लोगों को हर लाइक पर 8 रुपये देती थी। जबकि ठगों को प्रति लाइक 20 रुपये मिलते थे। वहीं, कंपनी के साथ दो मेंबर जोडऩे पर एलईडी का लालच दिया गया था। इसके बाद जो भी कस्टमर्स ज्यादा बड़ा पैकेज लेकर अच्छा काम करता था। उसे गाड़ी देने का भी वायदा किया गया था। मगर ठगों ने कई कंपनियों के प्रोडक्ट्स को लाइक कराकर उनकी मोटी कमाई से कुछ ही महीनों में ठगों ने 3 से 4 चार गाड़ी ले ली थी।
ऐसे देते थे लालच
5 लाख के बिजनेस पर बाइक10 लाख के बिजनेस पर छोटी गाड़ी 20 लाख के बिजनेस पर बड़ी गाड़ी 1 करोड़ के बिजनेस पर फॉर्च्युनर कार एफडीएसए के वाइस प्रेजिडेंट राजीव गुप्ता ने बताया कि इस प्रकार की सोशल ट्रेडिंग कंपनियों का कोई आधार नहीं होता है। ये कंपनी फ्यूचर मनी के नाम पर लोगों से रुपये लेकर अपनी पास्ट पेमेंट को क्लियर करती हैं। ऐसी कंपनियों के पास प्रमोशन के लिए कोई प्रॉडक्ट नहीं होता है। ऐसे में वे फेक प्रॉडक्ट के लिंक बनाकर अपनी वेबसाइट पर डालती हैं और लाइक करने के लिए कहती हैं। हमारे साथियों ने एक आरोपी को पकडक़र मसूरी पुलिस के हवाले किया था, लेकिन बीजेपी नेताओं ने उसे छुड़ा लिया।पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और हमारे पैसे वापस मिल जाएंगे।


