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रेल में लूटपाट करने वाले गिरोह गिरफ्तार

गाजियाबाद ! 21 मार्च को नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है।

रेल में लूटपाट करने वाले गिरोह गिरफ्तार
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गाजियाबाद ! 21 मार्च को नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। हालांकि बदमाशों के दो साथी फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने यात्रियों से लूटे गए 4 हजार रुपए और दो चाकू बरामद किए हैं। पूछताछ में पता चला है बदमाश फर्जी टीटी बन कर रेल में सवार हुए थे और यात्रियों से मारपीट कर लूटपाट की थी। जीआरपी प्रभारी सोमवीर सिंह ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों की पहचान कुशीनगर निवासी सोनू उर्फ अक्षय और छतरपुर मध्यप्रदेश निवासी सुनील के रूप में हुई है। ये हाल में दिल्ली के नंद नगरी क्षेत्र में रह रहे थे। गुरुवेार सुबह साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4-5 से जांच के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान इनके दो साथी जीआरपी जवानों को देख कर फरार हो गए। पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये लंबी दूरी की रेलगाडिय़ों में साथियों के साथ मिलकर लूटपाट करते थे। उन्होंने ही दो अन्य साथियों के साथ मिलकर 21 मार्च को नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस में लूटपाट की थी। दोनों आरोपियों ने बताया कि वह दो-दो के ग्रुप में निकले थे। इस दौरान लंबी दूरी की जनरल बोगी में आगे और पीछे के दरवाजे से दाखिल होते थे। बोगी में चढ़ते ही वह लोगों के टिकट चेक करे लगते थे। इस दौरान जिन लोगों के पास टिकट निकलता था उन्हें डरा धमका कर, जबकि जिनके पास टिकट नहीं होता था उन्हें जेल भेजने का डर दिखा कर पैसे वसूलते थे। विरोध करने पर चारों आरोपी एक साथ मिलकर मारपीट करते थे। इस दौरान जो कोई भी यात्री विरोध करता उसे चाकू मारने की धमकी देकर शांत कर देते थे।
आरोपियों के पास होते थे मासिक पास और बैग
जीआरपी और पुलिस से बचने के लिए आरोपी दिल्ली से मेरठ या हापुड़ के लिए मासिक पास रखते थे। इतना ही नहीं, इनकी पीठ पर बैग भी होता था। देखने में लगता था कि आरोपी दिल्ली में किसी कोचिंग सेंटर या कॉलेज से पढ़ाई कर लौट रहे हों। यहीं कारण होता था कि पुलिस इन पर शक नहीं कर पाती थी। दोनों आरोपियों ने बताया कि लूटपाट की वारदात के बाद वह स्टेशन से पहले आउटर पर रेल के धीमे होने पर या फिर चेन पुलिंग कर फरार हो जाते थे। वह उन स्थानों पर ही चेन पुलिंग करते थे, जहां पर पहले से ही उनके साथी उनका इंतजार कर रहे होते थे।


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