Top
Begin typing your search above and press return to search.

गाजियाबाद फर्जी मुठभेड़: दिल्ली उच्च न्यायालय ने रखी सात पुलिसकर्मियों की सजा बरकरार, 11 बरी

 दिल्ली उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद में फर्जी मुठभेड़ में मारे गये एमबीए छात्र के मामले में उत्तरखंड पुलिस के सात कर्मियों की सजा बरकरार रखी जबकि 11 अन्य को बरी कर दिया

गाजियाबाद फर्जी मुठभेड़: दिल्ली उच्च न्यायालय ने रखी सात पुलिसकर्मियों की सजा बरकरार, 11 बरी
X

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद में फर्जी मुठभेड़ में मारे गये एमबीए छात्र के मामले में उत्तरखंड पुलिस के सात कर्मियों की सजा बरकरार रखी जबकि 11 अन्य को बरी कर दिया।

यह मामला तीन जुलाई 2009 का है । गाजियाबाद के रहने वाले 22 वर्षीय एमबीए छात्र रणबीर सिंह को उत्तराखंड पुलिस ने फर्जी मुठभेड में मार दिया था।

इससे पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की विशेष अदालत ने इस मामले में 18 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था। इसमें से 17 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी जबकि एक को दो साल की सजा मिली थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषी पुलिसकर्मियों की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सात पुलिसकर्मियों की सजा बरकरार रखी जबकि 11 अन्य को बरी कर दिया। जिन छह पुलिसकर्मियों की सजा बरकरार रखी गई है उसमें छह उप निरीक्षक हैं।

सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश जे पी एस मलिक ने अपने फैसले में 18 पुलिसकर्मियों को षडयंत्र रच कर रणबीर सिंह का अपहरण कर उसकी हत्या करने का दोषी पाया था। मृतक घटना के दौरान नौकरी के लिए देहरादून जा रहा था।

जून 2014 में अदालत ने अपने फैसले में 17 पुलिसकर्मियों को हत्या.अपहरण. साक्ष्य मिटाने और आपराधिक साजिश रचने तथा उसे अंजाम देने के मामले में दोषी ठहराया गया था और उम्र कैद की सजा दी गई थी ।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it