हो रहा सामाजिक व मावनतापूर्ण काम, इसलिये पुलिस की बदल रही छवि, हो रहा नाम
एसपी लगातार नये प्रयोग कर पुलिसिंग को बेहतर करने का प्रयास कर रहे है। वहीं सामाजिक व मानवता पूर्ण कार्यो के चलते पुलिस की छवि भी बदलने लगी है
एसपी लगातार नये प्रयोग कर पुलिसिंग को बेहतर करने का प्रयास कर रहे है। वहीं सामाजिक व मानवता पूर्ण कार्यो के चलते पुलिस की छवि भी बदलने लगी है। यदि ऐसे ही पुलिस काम करती रही तो पुलिस पब्लिक का रिश्ता मजबूत होगा और इसका लाभ सामुदायिक पुलिसिंग में मिलेगा।
तालमेल से बेहतर होगी यातायात व्यवस्था, एक्टिव है नये डीएसपी, नक्सलियों ने की युवक की हत्या सवाल उठ रहे है कि आपसी रंजिश है या पुलिस के सहयोगी बनने की सजा मिली है। कुछ असामाजिक तत्व जुआ फड़ चलाने है बेकरार लेकिन नहीं मिल पा रही सफलता। सुप्रीम कोर्ट निर्देशो के पालन में पुलिस हो रही परेशान, पहले जैसे नहीं हो पा रहा सघन जांच।
बदल रही पुलिस की छवि :-
जब से एसपी रजनेश सिंह जिले में पदस्थ हुये है तब से वे लगातार पुलिसिंग को बेहतर बनाने प्रयास कर रहे है और पुलिसिंग के साथ मानवतापूर्ण सामाजिक कार्यो को भी बढ़ावा दे रहे है। जिससे पुलिस की छवि बदलने लगी है। वे स्वयं ऐसे कार्यो में विशेष ध्यान दे रहे है।
पिछले दिनों जब वे रायपुर से वापस लौट रहे थे तभी कुरुद के पास छाती में एक युवक की स्थिति देखकर उन्हें शंका हुयी और फिर उनके निर्देश पर कुरुद पुलिस उक्त युवक की जानकारी जुटाने जुट गयी तो पता चला युवक तो नेपाल का है जो भटक कर छाती पहुंच गया था। फिर क्या कुरुद पुलिस ने आपसी सहयोग से युवक को परिजनों से मिलाने की व्यवस्था भी कर दी। इस कार्य की चहुओर प्रशंसा हुयी और ऐसे ही मानवतापूर्ण कार्यो से पुलिस की छवि बेहतर हो रही है।
बेहतर होगा तालमेल :-
एसपी ने ट्रैफिक की दृष्टि से शहर को दो जोन में बांटकर अलग-अलग जिम्मेदारियां बांट दी है और उनके कार्यो पर नजर रखने की जिम्मेदारी आरआई धनेन्द्र ध्रुव को सौंपा है।
यह भी एसपी की एक नयी पहल है यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये और इस प्रयास को सफल बनाने तीनों अधिकारियों में बेहतर तालमेल की आवश्यकता होगी और विभागीय जानकारो की माने तो साहब ने ऐसे अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है जिनमें समन्वय काफी अच्छा है और इसका लाभ जल्द ही शहरवासियों को बेहतर यातायात व्यवस्था के रुप में नजर आयेगा।
ऐसे होती है थानेदारी :-
कुरुद थाना एरिया की दृष्टि से काफी बढ़ा है। और अपराध के मामले में संवेदनशील साथ ही राजनीति हस्तक्षेप के मामले मे ंभी अव्वल है। ऐसे थाने को सम्भालना ही बढ़ी बात है। जिसे बखूबी टीआई आशीर्वाद राहटगांवकर कई सालों से सम्भाल रहे है।
ऐसे में टीआई आशीर्वाद की कुशलता की चर्चा होती रहती है। कुरुद थाना क्षेत्र में अपराधियों से निपटना ही बड़ी चुनौती है। उस पर मंत्री चन्द्राकर का गृह क्षेत्र और राजनीति की दृष्टि से भी संवेदनशील है। आये दिन बड़े नेताओं का आगमन होता है और समय-समय पर कई बड़े आयोजन होते रहते है। और ऐसे में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखना काबिले तारीफ है।
एक्टिव है डीएसपी :-
पिछले दिनों डीएसपी हेटक्वार्टर मीता पवार के स्थानातंरण के बाद धमतरी में उनके स्थान पर नये डीएसपी पंकज पटेल पदस्थ हुये। वे युवा ऊर्जावान व सक्रिय है। आलाधिकारियों के निर्देशानुसार कानून व्यवस्था बेहतर बनाये रखने व एक्टिव नजर आते है। उनके पदस्थापना के पश्चात कुछ मौके ऐसे आये जब कानून व्यवस्था बिगड़ने की आंशका रही तो वे मौके पर कानून व्यवस्था बनाने नजर आये।
कैसे चलाये फड़ ? :-
एसपी मनीष शर्मा के रहते असामाजिक तत्वों की एक न चली और जब उनका तबादला हुया तो ऐसे कई लोगो को एक बार फिर से उम्मीद नजर आने लगी थी। लेकिन नये एसपी तो और भी सख्त निकले। इस सख्ती से सबसे ज्यादा प्रभावित सट्टा खाईवाल व जुआ फड़ चलाने वाले हो रहे है। उनकी उम्मीदों पर तो जैसे पानी फिर गया। अब वे छटपटा रहे है कि कैसे जुआ फड़ शुरु कराये। अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि क्या ऐसे लोग अपने मंसूबो को पूरा कर पाते है या फिर एसपी उनके मंसूबो को फेल करते रहेंगे।
नक्सली वारदात या आपसी रंजिश ? :-
पिछले दिनों नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम जोगीबिरदो में 8-10 नक्सलियों ने एक युवक को आधी रात घर से निकालकर हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस और युवक के परिजनों के बयानों में विरोधाभास प्रतीत हो रहा है।
पुलिस युवक को नक्सली सहयोगी बता कर उनके आपसी लेनदेन विवाद की परिणीति, हत्या को बता रही है वह परिजन कह रहे कि युवक को पुलिस के सहयोगी होने के कारण नक्सलियों ने हत्या कर दी। खैर जो भी हो लेकिन हत्या तो हुयी है अब पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वह हत्यारो को गुनाह की सजा दिलवायें।
पुलिस की परेशानी :-
कई बार पुलिस नियमों का पालन करे तो और न करे तो परेशानी में पड़ जाती है। ऐसा ही वर्तमान में हो रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही ध्वनिविस्तार यंत्रो को बजाया जा सकता है। वो भी निर्धारित ध्वनि सीमा में।
लेकिन पिछले दिनों गणेश उत्सव और झांकी विसर्जन स्पर्धा के दौरान सुप्रीम कोर्ट नियमों की धज्जियां उड़ गयी सुबह 4 बजे तक ध्वनिप्रदूषण होता रहा ऐसे में यदि पुलिस डीजे और धुमाल पर कार्रवाई करती धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकता था और कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती थी और कार्रवाई नहीं करने पर बाते होने लगी है कि नियमों का पालन पुलिस नही करवा पाती।
सघन जांच प्रभावित :-
एसपी के निर्देश पर जिले में पुलिस द्वारा सघन जांच अभियान चलाया जा रहा था। जिससे अपराधियों और असामाजिक तत्वों के हौसले पस्त हो चले थे, लेकिन सघन जांच प्रभावित हो गयी है। जिससे जनता को पुलिस की मौजूदी का अहसास कम होने लगा है। ऐसे में इस अभियान को निरंतर प्रभावी ढंग से चलाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।


