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केरल में स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए आगे आया जर्मनी

जर्मनी के वाणिज्य दूतावास ने केरल में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करने के लिए आईएमए से हाथ मिलाया है।

केरल में स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए आगे आया जर्मनी
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तिरुवनंतपुरम। जर्मनी के वाणिज्य दूतावास ने केरल में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से हाथ मिलाया है।

जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। कोरोना संकट के दुष्परिणामों को कम करने के लिए बनाई जा रही परियोजनाओं के लिए जर्मनी वित्तीय मदद देगा।

केरल के तिरुवनंतपुरम में जर्मनी के वाणिज्य दूतावास ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “ आईएमए की केरल इकाई की ओर से ‘आई सेफ’ नामक एक नयी परियोजना की शुरुआत की जा रही है।

कोरोना संक्रमण को फैलने से राेकने के लिए ‘आई सेफ’ व्यावसायिक उपकरण और रोजगार सुरक्षा योजना (पीईपीएस) के अंतर्गत एक पहल है। आईएमए पीईपीएस को 35 लाख रुपये वित्तीय मदद दी गयी है जिसका उपयोग विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को निजी सुरक्षा उपकरण(पीपीई), मास्क, ग्लव्स और सेनिटाइजर देने में किया जाएगा। इससे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए काम के माहौल को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। इससे मरीजों को भी लाभ होगा।

‘आई-सेफ’ पहल के तहत लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताया जा रहा है जिसके लिए व्याख्यानों, कक्षाओं और वीडियो सेमिनारों के माध्यम से अतिरिक्त प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। जर्मनी ने आईएमए के साथ मिलकर स्वास्थ्यकर्मियों की बहादुरी, काम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को सलाम करते हुए यह पहल की है। स्वास्थ्यकर्मी प्रतिदिन अपना जीवन खतरे में डालकर लोगों की सुरक्षा करते हैं।

जर्मनी के वाणिज्य दूतावास ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाने की दिशा में यह एक छोटा सा योगदान है।

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए कर्नाटक और केरल में चलाई जाने वाली परियोजनाओं के लिए जर्मनी के वाणिज्य दूतावास की ओर से कुल 70 लाख रुपये की मदद की जाएगी।


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