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जर्मन वित्त मंत्री की पार्टी के मुख्यालय पर कालिख उड़ेली

जर्मन सरकार में शामिल एफडीपी पार्टी के मुख्यालय पर जलवायु कार्यकर्ताओं ने तेल जैसे काले रंग की बाल्टियां उड़ेली. इस दौरान 20 कंपनियों के अड्डों को भी निशाना बनााया गया.

जर्मन वित्त मंत्री की पार्टी के मुख्यालय पर कालिख उड़ेली
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जर्मनी की राजधानी बर्लिन में फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी (एफडीपी) के मुख्यालय के मुख्य दरवाजे को जलवायु कार्यकर्ताओं ने निशाना बनाया. जलवायु कार्यकर्ताओं के पास कच्चे तेल जैसे दिखने वाले काले रंग के द्रव की बाल्टियां थी. इन्हीं बाल्टियों में भरा काला रंग मुख्य दरवाजे के पास उड़ेला गया. नवउदारवादी पार्टी, एफडीपी अब भी डीजल से चलने वाली गाड़ियों का समर्थन कर रही है. कार्यकर्ताओं ने उसके मुख्यालय पर डीजल गाड़ियों का विरोध करने वाले पोस्टर भी लगाए.

अदालतों में पहुंची जलवायु परिवर्तन की लड़ाई

ईयू 2035 से नई पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगाना चाहता है. मार्च में एफडीपी ने यूरोपीय संघ के पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया था. जलवायु कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के विरोध से "हमारी जिंदगी को तबाह" करने की कोशिश की ओर ध्यान खींचा गया है.

निशाने पर और कौन कौन आए

बर्लिन में गुरुवार को जलवायु कार्यकर्ताओं ने 20 से ज्यादा कंपनी मुख्यालयों और लॉबीइंग एसोसिएशनों को पर काला रंग उड़ेला गया. नाराजगी का सामना करने वालों में बायर, बीपी, शेल, डॉयचे बैंक समेत कई दिग्गज कंपनियां हैं. इन प्रदर्शनों को "स्प्रिंग रिबेलियन" नाम दिया गया.

कमाई में दरार डालता यूरोप का सूखा

ये प्रदर्शन जर्मन क्लाइमेट ग्रुप लास्ट जेनेरेशन, इंटरनेशनल एक्सटिंक्शन रिबेलियन और साइंटिस्ट रिबेलियन ने मिलकर किए. पिछले हफ्ते भी लास्ट जेनेरेशन के एक्टिविस्टों ने जर्मन महानगर हैम्बर्ग के आस पास अहम सड़कों को ब्लॉक किया. इसके चलते कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया.

एक्टिविस्टों में दरार

हाल के समय में ग्रेटा थुनबर्ग की अगुवाई वाले फ्राइडे फॉर फ्यूचर आंदोलन ने खुद को लास्ट जेनेरेशन आंदोलन से अलग कर लिया. लास्ट जेनेरेशन की कोशिश रहती है कि जलवायु आपातकाल की तरफ ध्यान खींचने के लिए अधिकतम व्यवधान पैदा करने वाला कदम उठाया जाए.

"क्लाइमेट टाइम बम को नाकाम करें"

फ्राइडे फॉर फ्यूचर आंदोलन की प्रवक्ता अनिका रिटमान ने जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "जलवायु संकट को लेकर पूरे समाज के लिए समाधानों की जरूरत है और हम मिलकर उन्हें खोज सकते हैं और उनके लिए लड़ सकते हैं, रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से भिड़ाकर ये नहीं हो सकता."

कथित स्प्रिंग रिबेलियन,17 अप्रैल तक जारी रह सकता है. एक्टिविस्टों के मुताबिक उन्होंने कई प्रदर्शनों की तैयारी की है.


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