जनरल पोस्ट ऑफिस हुआ पूरी तरह डिजिटल,कोर बैंकिंग की भी शुरुआत
भारत मे डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी। वहीं सभी पोस्ट आफिस भी धीरे धीरे डिजिटल होते चले गए।

नई दिल्ली। भारत मे डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी। वहीं सभी पोस्ट आफिस भी धीरे धीरे डिजिटल होते चले गए। गत वर्ष पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग सेवा के रूप में भी शुरू कर दिया गया जिससे पोस्टबैंकिंग लगातार लोगो की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो गया।
एक साल पहले शुरू की गई डिजिटल कोर बैंकिंग सेवा में विस्तार करते हुए पोस्ट मास्टर जनरल और मुख्य बिज़नेस अधिकारी हरप्रीत सिंह ने बताया कि हम जल्दी ही बहुत सारे अन्य पोस्टल विभागों में होने वाले कार्यों को डिजिटल करेंगें। हमारी बैंकिंग सेवा पूरी तरह कोर बैंकिंग हो गई है।
आज हम दूसरी सबसे बड़ी बैंकिंग सेवा देने वाले वित्तीय विभाग बन गये हैं । उन्होंने बताया कि हम लेटर बोक्स को भी बदलने की तैयारी में है, अभी बार कोड से सारे लेटर बॉक्स जोड़ दिये गए हैं, जिससे पता चल जाता है कि उस बॉक्स में कितनी पोस्ट निकली और कब खोले गए। हरप्रीत ने बताया कि डाकघरों के बचत उत्पादों के लिए कोर बैंकिंग सेवाओं की शुरुआत के साथ उपभोक्ता अब पूरे भारत में कहीं भी किसी भी डाक घर से बैंकिंग सेवा प्रयोग कर सकते हैं।
वर्तमान में एटीएम सेवा सुविधा के साथ वह अपने खाते का 24 घंटे प्रयोग कर सकेंगे। सोमवार को हरप्रित सिंह ने जनरल पोस्ट ऑफिस कश्मीरी गेट के डिजिटल बैंकिंग की शुरुआत के कार्यक्रम में उपस्थित थे।


