सीएए के खिलाफ अब गहलोत सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
केरल और पंजाब सरकार के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चुनौती दी

नई दिल्ली। केरल और पंजाब सरकार के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चुनौती दी।
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी की ओर से दायर याचिका में सीएए को निरस्त करने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है।
श्री सिंघवी ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सीएए के खिलाफ वाद दायर किया है, जिसमें सीएए को संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया गया है। राजस्थान सरकार ने इस कानून को अनुचित और तर्कहीन बताते हुए कहा गया है कि यह कानून धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव करता है।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 131 एक या एक से अधिक राज्यों और केंद्र सरकार के बीच विवादों में उच्चतम न्यायालय को फैसले का अधिकार देता है।
उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ करीब 160 से अधिक याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की जा चुकी हैं, जिनमें से कुछ की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी किये जा चुके हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई सबरीमला मामले में संदर्भित विषयों पर विचार के बाद की जाएगी।


