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गहलोत को सामाजिक योजनाओं, अच्छे पीआर के दम पर वापसी का भरोसा

राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ अशोक गहलोत सरकार सत्ता बचाने के लिए ज्यादा मेहनत करने लगी है

गहलोत को सामाजिक योजनाओं, अच्छे पीआर के दम पर वापसी का भरोसा
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जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ अशोक गहलोत सरकार सत्ता बचाने के लिए ज्यादा मेहनत करने लगी है। मुख्यमंत्री जगह-जगह जा रहे हैं और अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के पोस्टर ब्वाय बन गए हैं।

उनके द्वारा शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस), चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना, स्वास्थ्य का अधिकार सहित कई अन्य योजनाओं के रथ पर सवार वह नायक बन गए हैं जो लोक लाभकारी योजनाओं के कारण केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को दबाव में डालते दिख रहे हैं।

उन्होंने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य का अधिकार और सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पारित करें।

बड़ी संख्या में राज्य सरकार के कर्मचारी पहले ही ओपीएस के लिए उन्हें धन्यवाद दे चुके हैं।

इन सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सफलता के साथ राज्य सरकार हर जिले में जन संपर्क कार्यक्रम आयोजित कर रही है और 'महंगाई राहत अभियान' के तहत लोकलुभावन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य की आठ करोड़ आबादी तक पहुंच बना रही है।

ये कल्याणकारी योजनाएं गहलोत का मुख्य फोकस हैं क्योंकि वह राज्य में कांग्रेस सरकार को वापस लाने के लिए उन पर भरोसा कर रहे हैं।

इन कल्याणकारी योजनाओं को राज्य के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए सरकार चल शिविरों, पंजीकृत शिविरों और मोबाइल शिविरों का आयोजन कर रही है। गहलोत स्वयं नेतृत्व कर रहे हैं और जगह-जगह जा रहे हैं, स्थानीय लोगों, महिलाओं, किसानों से मिल रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे अभ्यिान के पोस्टर ब्वाय बने रहें।

आउटरीच कार्यक्रम सरकार द्वारा गठित एकीकृत प्रकोष्ठ के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। अभियान के डिजाइन को परामर्श एजेंसी 'डिजाइन बॉक्स' देख रही है जो यह सुनिश्चित कर रही है कि लाभार्थियों के साथ गहलोत की मुस्कुराती तस्वीरों का एक व्यापक आकर्षण हो।

गहलोत चिलचिलाती धूप में भी गांवों का दौरा कर रहे हैं ताकि उनके 'महंगाई राहत शिविर' को सफल बनाया जा सके।

हाल ही में उन्होंने अपने एक कार्यक्रम के दौरान अपने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान पर खुलकर बात की थी। उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें लोगों को लड़ाना नहीं चाहिए। गहलोत ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस का चुनाव अभियान उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित होगा। दिग्गज कांग्रेस नेता ने पिछले पांच वर्षों में किए गए कार्यों के आधार पर अपनी सरकार के सत्ता में लौटने का भरोसा भी जताया।

गहलोत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अपनी जनकल्याणकारी योजनाएं गिनाईं।

उन्होंने कार्यक्रम में अपने संबोधन में स्वास्थ्य का अधिकार, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, सामाजिक सुरक्षा पेंशन समेत अन्य योजनाओं का जिक्र किया।

उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार को भी देश में सामाजिक अधिकारों की समान पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उज्‍जवला योजना के तहत पंजीकृत परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करा रही है। केंद्र को भी ऐसी योजना शुरू करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशल बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के कारण राजस्थान में सड़कें गुजरात (मोदी के गृह राज्य) की तुलना में बहुत बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि नई सड़कों के निर्माण के साथ-साथ सु²ढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। अच्छे वित्तीय प्रबंधन, नीतियों और योजनाओं के परिणामस्वरूप राजस्थान आर्थिक विकास में देश में दूसरे स्थान पर है।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बहुत जरूरी है। राज्य सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के कार्य को अपने संसाधनों से आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री को इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए, ताकि काम में तेजी आए।

इसलिए भले ही विपक्षी भाजपा का दावा है कि सरकार बदलने की राजस्थान की परंपरा जारी रहेगी, गहलोत चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में अपनी वापसी को लेकर आश्वस्त हैं।

अब सबकी निगाहें उन पर टिकी हैं कि क्या उनकी मेहनत रंग लाती है या पार्टी के भीतर की गुटबाजी कांग्रेस को जीत से रोक पाएगी।


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