जीडीए अपने आबंटियों को देगा ब्याज दरों में छूट का तोहफा
यमुना एक्सप्रेस वे की भांति गाजियाबाद विकास प्राधिकरण आवासीय योजनाओं के अपने आवंटियों को ब्याज दरों में कटौती करते हुए राहत देगा
गाजियाबाद (देशबन्धु)। यमुना एक्सप्रेस वे की भांति गाजियाबाद विकास प्राधिकरण आवासीय योजनाओं के अपने आवंटियों को ब्याज दरों में कटौती करते हुए राहत देगा। इसके लिए प्राधिकरण के द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रयास होगा कि बाजार दाम के आधार पर आवंटियों से ब्याज वसूल किया जाए। कमेटी एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा शहर भर में स्थित तमाम मल्टी स्टोरी इमारतों, मॉल, अस्पताल और स्कूलों में आग से बचाव की आडिट पड़ताल कराएगा।
ये तमाम जानकारी प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष एवं मेरठ मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने प्राधिकरण बोर्ड की बैठक के बाद दी। डा. प्रभात कुमार ने कहा कि शासन का उद्देश्य है कि लोगों को राहत मिलनी चाहिए। प्राधिकरण बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि जानकारी में आता है कि ज्यादातर मल्टी स्टोरी इमारत एवं मॉल आदि संचालकों के द्वारा आग से बचाव के नाम पर एनओसी लिए हुए है,लेकिन जानने में आता है कि उपकरण ही काम नहीं कर रहे है। आग से बचाव के इंतजाम का आडिट डीएम की देखरेख में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हैबीटेट क्लब का ब्याज ओटीएस के माध्यम से माफी का प्रस्ताव एक सिरे से खारिज कर दिया गया। वजह हैबीटेट सेंटर संचालकों को ओटीएस योजना का इससे पूर्व लाभ दिया जा चुका है। आवासीय में व्यवसायिक गतिविधि करने वाले प्रभावित ना हो इसके लिए जोनल प्लान बनाने के आदेश दिए गए है। उन्होंने बताया कि मधुबन बापूधाम योजना की २८१ एकड़ भूमि के मामले में सुर्प्रीम कोर्ट के नए नोटिफि केशन के बाद माना जा रहा है कि लेंड के वास्ते १२३१ करोड़ रूपए की जरूरत होगी। प्राधिकरण अपने संसाधनों से ३०० करोड़ रूपए की व्यवस्था करेगा। हुडको से कर्ज लेने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई है।
इसके अलावा एक दूसरा बड़ा निर्णय ये लिया गया है कि निजी बिल्डरों के द्वारा जो हाईटेक आदि टाउनशिप विकसित की जानी है उसमें जितनी जमीनें अधिग्रहण हो चुकी हंै उतनी पर ही टाउनशिप विकसित करनी होगी। वजह किसानों को बांधा नहीं जा सकता। इस निर्णय को शासन के समक्ष भेजने के आदेश दिए गए है। शासन को अंतिम निर्णय लेना है। इसके अलावा सामने आया कि हाईटेक टाउनशिप विकसित करने वाले बिल्डरों के द्वारा भू उपयोग परिवर्तन शुल्क के तौर पर बकाया पैसा एक लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक माह के भीतर बकाया पैसा वसूली के आदेश दिए गए है। अधिकारियों को ये भी हिदायत दी गई है कि एक माह के भीतर यदि रकम का भुगतान नहीं किया जाता है तो भू उपयोग पूर्व की भांति कर दिया जाए। बैठक के दौरान प्राधिकरण का २४७३ करोड़ की आय और २८४१ करोड़ रूपए के खर्च का बजट भी रखा गया। अधिकारियों को ये बताने के लिए आदेश दिए गए हैं कि किस किस मद मेें कितनी रकम प्राप्त होगी। इसके अलावा काश्तकारों को छूट के आधार पर सामुदायिक केंद्रों की सुविधा बरकरार रहेगी।


