पुरानी दर पर जीडीए बेचेगा 1712 फ्लैट
रियल एस्टेट में मंदी का असर निजी बिल्डरों के साथ-साथ प्राधिकरण पर पड़ रहा है। जीडीए ने अपनी विभिन्न योजनाओं में बने 1712 फ्लैट को पुरानी दर पर बेचने का फैसला लिया है
गाजियाबाद। रियल एस्टेट में मंदी का असर निजी बिल्डरों के साथ-साथ प्राधिकरण पर पड़ रहा है। जीडीए ने अपनी विभिन्न योजनाओं में बने 1712 फ्लैट को पुरानी दर पर बेचने का फैसला लिया है। इनमें से आधे बनकर तैयार हैं।
जीडीए उपाध्यक्ष ने इन फ्लैटों को बेचने की योजना के तहत मंगलवार को कीमतें तय कर दी। जीडीए को उम्मीद है कि इन फ्लैटों की बिक्री से उसकी आय में करीब 250 करोड़ का इजाफा होगा और स्थानीय लोगों को प्राधिकरण की योजना में पुरानी दर पर मकान मिलेंगे।
जीडीए की मधुबन बापूधाम, इंद्रप्रस्थ, कोयल एंक्लेव, कौशांबी, चंद्रशिला अपार्टमेंट वैशाली, मोदीनगर में फ्लैट बनाने की योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं में प्राधिकरण ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एचआईजी फ्लैट बना रहा है।
मंदी के कारण इनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसमें ज्यादातर फ्लैट ऐसे हैं, जिन्हें आवंटियों ने वापस कर दिया है। साथ ही 20 फीसदी फ्लैट ऐसे हैं, जिनका कोई खरीदार ही नहीं आया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहा जीडीए इन फ्लैटों की बिक्री से अपनी आय में इजाफा करना चाहता है।
जीडीए उपाध्यक्ष ने संपत्ति विभाग से सभी योजनाओं में न बिकने वाले फ्लैटों के आंकड़े एकत्र कर इन्हें बेचने की योजना बनाने को कहा है। जीडीए उपाध्यक्ष ने मंगलवार को योजनाओं की कीमतें फ्रीज कर दी।
फ्लैटों की यह योजना आगामी 10 दिन में लॉन्च हो सकती है। जीडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी योजनाओं में करीब 1712 फ्लैट हैं। इसकी फाइल तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जीडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि विभिन्न योजनाओं में न बिकने वाले 1712 फ्लैटों में से करीब 50 फीसदी फ्लैट ऐसे हैं, जो पूरी तरह बनकर तैयार हैं। इन्हें खरीदने के बाद खरीदार तुरंत इनमें जाकर रह सकता है। बाकी फ्लैटों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
अपर सचिव ने बताया कि इन योजनाओं में विभिन्न आय वर्ग के लिए फ्लैट बनाए गए हैं। इनकी कीमत पांच से 70 लाख रुपये तक है। इस समय लॉन्च हुई थी योजनाएं:- मधुबन बापूधाम योजना वर्ष 2010 में लांच हुई थी।


