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आवारा पशुओं के लिए जीडीए ने अभी तक चिन्हित नहीं की जमीन

शहर में डेयरियों के संचालन से होने वाली गंदगी व सड़क पर घूमते आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने व जाम से निजात के लिए जीडीए ने शहर से बाहर तीन कैटिल कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया था

गाजियाबाद। शहर में जगह-जगह डेयरियों के संचालन से होने वाली गंदगी व सड़क पर घूमते आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने व जाम की समस्या के निजात के लिए जीडीए ने शहर से बाहर तीन कैटिल कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया था।

योजना बनाकर प्रस्ताव गत सितंबर माह में हुई जीडीए बोर्ड बैठक में रखा गया। बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ जमीन चिन्हित करने के लिए कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसके बाद तत्कालीन जीडीए उपाध्यक्ष विजय यादव ने ओएसडी आरपी पांडेय के नेतृत्व में कमेटी बना दी।

उनके अलावा कमेटी में चीफ इंजीनियर, चीफ टाउन प्लानर समेत अन्य अफसर शामिल थे। कैटल कॉलोनी की जमीन चिन्हिकरण के लिए कई बार बैठेकें हुई और कई जमीनों पर मंथन हुआ, लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा रहीं और जमीन चिन्हित नहीं हो सकी।

सरकार, नेता व अफसर बदलने के साथ ही शहर में जीडीए की प्राथमिकताएं भी बदल गई हैं। इसी का नतीजा है कि तीन कैटल कॉलोनी बनाकर शहर से मवेशियों का बाहर करने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। नौ माह बीतने के बाद भी जीडीए टीम अभी तक कैटल कॉलोनी के लिए जगह चिन्हित नहीं कर सकी है। वर्तमान हालातों को देखते हुए इस दिशा में कोई कार्रवाई आगे बढ़ने की उम्मीद कम ही लगती है।

क्यों जरूरी है कैटल कॉलोनी

डेयरी संचालकों द्वारा गोबर कॉलोनियों की सीवर लाइन व नालों में डालने के साथ खुले में सड़क पर बहा दिया जाता है जिस कारण सड़कों पर तो गंदगी होती ही है साथ ही सीवर चोक व नालों में गंदगी का अंबार लग जाता है।

सड़क पर घूमते आवारा पशुओं के कारण पूर्व में कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। दरअसल, गाजियाबाद में आवासीय कॉलोनियों व रेलवे ट्रैक के किनारे में काफी संख्या में अवैध रूप से डेयरी संचालित की जा रही हैं। पूर्व में मवेशियों के कारण हुई हादसों में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा आवारा मवेशियों के कारण जाम लगता को आम बात है।

इसी के चलते शहर को स्वच्छ सुंदर बनानेए दुर्घटनाओं व जाम की समस्या खत्म करने के लिए डेयरी उद्योग व मवेशियों को शहर के बाहर करने के लिए तीन जगह कैटिल कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया गया।

कैटल कॉलोनी बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। -आरपी पांडेय, जीडीए ओएसडी


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