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जीडीए व नेता आए आमने-सामने

नेहरू स्टेडियम को निजी हाथों में सौपने के विरोध में पिछले एक हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवसियों और सर्वदल के नेताओं ने  क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी

जीडीए व नेता आए आमने-सामने
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गाजियाबाद। नेहरू स्टेडियम को निजी हाथों में सौपने के विरोध में पिछले एक हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवसियों और सर्वदल के नेताओं ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस धरना प्रदर्शन को सभी राजनैतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त है।

शहर के नेहरूनगर स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में सभी दलों ने स्थानीय लोगों व खिलाड़ियों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। उनकी मांग है कि नेहरू स्टेडियम को निजी हाथों में सौपने के जीडीए के फैसले को तत्काल वापस लिया जाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने नेहरूनगर में जेएलएन स्टेडियम का निर्माण कराया, जिसमें स्थानीय लोग सुबह और शाम को सैर के लिए जाते हैं। इसके अलावा काफी संख्या में खिलाड़ी भी यहां विभिन्न खेलों की प्रेक्टिस के लिए आते हैं। निजी कंपनी को स्टेडियम का ठेका दिए जाने के बाद युवा खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।

जीडीए के इस निर्णय के विरोध में सभी दल एक मंच पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन्होंने जीडीए से अपना निर्णय वापस लेने की मांग की है। इसी क्रम में सभी दलों ने मिलकर स्टेडियम गेट पर स्थानीय लोगों और खिलाड़ियों के साथ क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। स्थानीय निवसियों ने कहा कि स्टेडियम में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना जीडीए की नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। धरने को संबोधित करते हुए रालोद के नेता अजयवीर सिंह ने कहा कि संघर्ष समिति खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ रही है. जीडीए स्टेडियम को लीज पर देकर कमाई करने की योजना बना रहा है. पूर्व सांसद सुरेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि स्टेडियम में रोजाना बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करने आते हैं. अगर जीडीए नेहरू स्टेडियम को निजी हाथों में सौप देता है तो जिले के कितने ही खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।


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