मध्यान्ह भोजन में अण्डा परोसे जाने का गायत्री परिवार ने किया विरोध
प्रदेश सरकार द्वारा मध्यान भोजन में बच्चों को अण्डा परोसे जाने के निर्णय का गायत्री परिवार, भाजपा पार्टी सहित अनेकों ने विरोध किया

राजिम। प्रदेश सरकार द्वारा मध्यान भोजन में बच्चों को अण्डा परोसे जाने के निर्णय का गायत्री परिवार, भाजपा पार्टी सहित अनेकों ने विरोध किया है।
विरोध करते हुए बच्चों को मध्यान भोजन में अण्डा नहीं देने की मांग किया है। इस दौरान पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने कहा कि हमारे देश संस्कार एवं संस्कृति का देश है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मध्यान भोजन में अण्डा सब्जी देने का निर्णय लिया गया है। यह हमारे संस्कृति के खिलाफ है।
साहू ने कहा कि बच्चों का हृदय कोमल होते हैं। उन्हें यह नहीं पता कि अण्डा खाना चाहिए की नहीं? शाकाहारी है कि मांशाहारी? श्री साहू ने कहा कि अण्डा के सेवन से तामशिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती है।
इसलिए किसी बच्चें में ऐसा संस्कार न डाले, जिससे उनके माता पिता एवं उनके परिवार को दुख एवं परेशानियों का सामना करना पड़े।
साहू ने कहा कि बच्चे विशुद्ध रूप से शाकाहारी ही होते हैं, लेकिन उनके घर परिवार के वातावरण के हिसाब से खान पान में परिवर्तन होते हैं।
साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के इस प्रकार की नीति लार्ड मैकाले के शिक्षा नीति के समान है।
विरोध करने वालों में भाजपा जिला मंत्री महेश यादव, गायत्री ट्रस्ट के जिला प्रमुख टीकमचंद साहू, डॉ. महेन्द्र साहू, अशोक शर्मा, कैलाश चंद्र श्रीवास्तव, विनोद पटेल, गजेन्द्र सिन्हा, रामनारायण यदु, मूलचंद सचदेव, पुरूषोत्तम दीवान, चंद्रशेखर सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार एवं नागरिकगण उपस्थित थे।


