गौशाला में गौवंशों की मौत, न्यायायिक आयोग ने प्रारंभ की जांच
दुर्ग और बेमेतरा जिलों की गौशालाओं में पशुओं की अकाल मौत के मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने इस संबंध में जानकारी रखने वालों से साक्ष्य आमंत्रित किए हैं

दुर्ग। दुर्ग और बेमेतरा जिलों की गौशालाओं में पशुओं की अकाल मौत के मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने इस संबंध में जानकारी रखने वालों से साक्ष्य आमंत्रित किए हैं।
इच्छुक व्यक्ति 20 सितम्बर तक आयोग के रायपुर स्थित कार्यालय में अपनी पहचान के साथ लिखित अथवा शपथ पत्र के साथ जानकारी प्रस्तुत कर सकते हैं। अगस्त माह में धमधा के ग्राम राजपुर और बेमेतरा के ग्राम गोड़मर्रा और रानो की गौशालाओं में बड़ी संख्या में गौवंशों की अकाल मौत का खुलासा हुआ था।
राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के. सामंत रे की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किए हैं। आयोग द्वारा जांच के लिए निर्धारित बिन्दुओं में प्रमुख तौर से कितने पशुओं की मृत्यु, किन कारणों से हुई है शामिल है।
इसके साथ ही घटना रोकी जा सकती थी, इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं, घटनाओं का दुहराव ना हो, इसके लिए क्या-क्या सुधार किया जाए, गौशाला पंजीयन एवं अनुदान तथा सुपरविजन की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए क्या-क्या सुधार किया जाना चाहिए, गौशालाओं के प्रबंधन को अनवरत व्यवस्थित रखने के लिए विधि के प्रावधानों को किस प्रकार प्रभावी बनाया जाए आदि बिंदुओं पर साक्ष्य और सुझाव आमंत्रित किए गए है।


