Top
Begin typing your search above and press return to search.

पीपीपी मॉडल पर काम करेगा कचरा प्रबंधन , शहर से प्रतिदिन निकलता है 600 मेट्रिक टन कूड़ा

 शहर से प्रतिदिन निकलने वाले  सैकड़ों टन कूड़े निस्तारण की योजना ने रफ्तार पकड़ ली है

पीपीपी मॉडल पर काम करेगा कचरा प्रबंधन , शहर से प्रतिदिन निकलता है 600 मेट्रिक टन कूड़ा
X

नोएडा। शहर से प्रतिदिन निकलने वाले सैकड़ों टन कूड़े निस्तारण की योजना ने रफ्तार पकड़ ली है।यह पूरा मॉडल पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) पर बनाया जाएगा। कलेक्शन सेंटरों से कूड़ा उठाने उसका निस्तारण करने व खाद तैयार कर बाजार में बेचने का कार्य इसी मॉडल पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने ईओआई जारी की है। इसके तहत कंपनियों द्वारा प्राधिकरण में आवेदन किए जा रहे है।

सभी आवेदन ऑनलाइन किए जा रहे है। जिसमे कंपनी द्वारा कूड़े के निस्तारण का प्रस्तुतीकरण भी दिया जा रहा है। शहर से प्रतिदिन 600 मेट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े नोएडा में बपने डंपिंग ग्राउंड में दबा दिया जाता है। कूड़े को उपयोग में लाने साथ ही निस्तारण कर इसका वाणिज्यिक प्रयोग करने के लिए प्राधिकरण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत प्लांट लगाने की तैयारी कर चुका है। यह प्लांट 2011 की आबादी छह लाख के हिसाब से तैयार किया जाएगा।

इसके बाद इसकी क्षमता में इजाफा किया जाएगा। पूरा मॉडल पीपीपी के तहत बनया जाएगा। योजना के तहत चयन की जाने वाली कंपनी ही शहर में कूड़ा उठाने उसके निस्तारण तक की पूरी प्रक्रिया करेगी। लिहाजा ऐसी कंपनी का चयन किया जाएगा जिसे इस काम का अनुभव लो। लिहाजा प्रािधकरण द्वारा सालिड वेस्ट मैनजमेंट के लिए ईओआई जारी की है। ऐसे में इच्छुक कंपनी अपना आवेदन ऑनलाइन कर रही है। जिसमे योजना से संबंधित पूरा प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा है। आला अधिकारियों के बैठक के बाद ही कंपनी का चयन किया जाएगा।

कंस्ट्रक्शन मलबे से बनाया जाएगा सीमेंट

कचरा प्रबंधन के तहत लगने वाले प्लांट में सिर्फ घरेलू कूड़े का ही निस्तारण नहीं किया जाएगा। बल्कि कूड़े के साथ आने वाले मलबे को रिसाइकिल करने की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है। दरअसल, शहर में निकलने वाला अधिकांश मलबा कंस्ट्रक्शन साइट का होता है। लिहाजा इस मलबे को क्लिंकर में बदलकर इसका प्रयोग सिमेंट के रूप में भी किया जाए इस पर विचार किया जा रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it