Top
Begin typing your search above and press return to search.

गंगा का जलस्तर बढ़ा, झूंसी की तरफ कटान

गंगा यात्रा बलिया से शुरू होकर तटवर्ती गांवों से होते हुए कानपुर में समाप्त होगी।

गंगा का जलस्तर बढ़ा, झूंसी की तरफ कटान
X

प्रयागराज। पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर 10 जनवरी से शुरू हो रहे माघ मेला और गंगा यात्रा के लिए गंगा में जल छोड़े जाने से उसके जलस्तर में वृद्धी होने से करीब 200 बीघा से अधिक भूमि पानी में समा गई है।

गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए एक से पांच जनवरी के मध्य गंगा यात्रा निकाली जाएगी। हरिद्वार से गंगा यात्रा के लिए गंगा में प्रतिदिन पानी छोडने का उद्देश्य पांच जनवरी तक गंगा को निर्मल बनाना है। गंगा यात्रा बलिया से शुरू होकर तटवर्ती गांवों से होते हुए कानपुर में समाप्त होगी। इस बीच तीन जनवरी को गंगा यात्रा का पड़ाव प्रयागराज में होगा।

गंगा यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्रियों के आने की भी चर्चा जोरो पर है लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि अभी नहीं की गयी गंगा यात्रा बलिया से शुरू होकर तटवर्ती गांवों से होते हुए कानपुर में समाप्त होगी। इस बीच तीन जनवरी को गंगा यात्रा का पड़ाव प्रयागराज में होगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंडलायुक्त डा आशीष कुमार गोयल ने गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा पर बनाये गये अस्थयी पंटून पुलों को बहने से बचाने के लिए अतिरिक्त पीपे जोड़ने का निर्देश पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को दिया है। पूरब झूंसी की ओर कटान के तेज होने से मेला प्रशासन,लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूड़ी) और सिंचाई विभाग की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।

तीन दिन पूर्व पश्चिम की ओर कटान तेज होने से सिंचाई विभाग पीपा, बल्ली और बोरी में बालू भरकर कटान को रोकने का प्रयास कर रहा है।

उन्होने बताया कि श्री गोयल ने पीपा पुलों का निरीक्षण किया तो त्रिवेणी और काली मार्ग पर पंटून पुल की बढ़ाने का निर्देश दिये। इन दोनो पुलों को तोड़कर बनाने का काम चुनौतीपूर्ण है लेकिन जल्द ही इसे पूरा कर लिया जायेगा। झूंसी की ओर दलदल के कारण अब इन पुलों में अतिरिक्त पीपे जोड़े जाएंगे। दोनो पंटून पुलों में 30-30 पीपे और जोड़े जायेंगे। अभी तक त्रिवेणी मार्ग पंटून पुल में क्रमश: 140 और काली मार्ग पर 130 पीपे लगे थे। इन पीपों के जुडने से पंटून पुलों की लंबाई करीब एक किलोमीटर हो जायेगी।

अन्य तीन पुल त्रिवेणी और काली पंटून पुल के आधे हैं। गंगोली शिवाला में 56, ओल्ड जीटी रोड़ पंटून पुल में 68 और महावीर पुल में 68 पीपे लगे हैं।

उन्होने बताया कि दलदली जमीन होने के कारण मेले में पूर्वस्थान पर संस्थाओं को आवंटित की जानी वाली भूमि को इधर से उधर किया गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it