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गंगा की साफ-सफाई का बंदोबस्त किया जाए: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयाग में अगले साल लगने वाले कुम्भ मेले के मद्देनजर गंगा की साफ-सफाई का बन्दोबस्त किये जाने के निर्देश दिये है

गंगा की साफ-सफाई का बंदोबस्त किया जाए: योगी आदित्यनाथ
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयाग में अगले साल लगने वाले कुम्भ मेले के मद्देनजर गंगा की साफ-सफाई का बन्दोबस्त किये जाने के निर्देश दिये है।

उन्होंने कहा कि सभी टैनरीज़ को आगामी 15 दिसम्बर से 15 मार्च तक बन्द रखा जाये। उन्होने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि गढ़मुक्तेश्वर से लेकर काशी तक गंगा में किसी भी प्रकार का कचरा अथवा अपशिष्ट नहीं गिरे ताकि कुम्भ के दौरान साधु-सन्तों तथा स्नानार्थियों को स्वच्छ एवं निर्मल जलधारा स्नान के लिए मिल सके।

योगी ने कल यहां कानपुर की टैनरीज़ की शिफ्टिंग, अमृत, स्मार्ट सिटी एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होने कहा कि प्रयाग में अगले साल लगने वाले कुम्भ मेले के मद्देनजर गंगा की साफ-सफाई का बन्दोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने बैठक में दूषित जलशोधन संयंत्र (सीईटीपी) को रमईपुर में स्थापित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होने टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार माॅनीटरिंग तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में कानपुर के जाजमऊ स्थित टैनरी इकाइयों को शिफ्ट किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव पर्यावरण ने बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 264 टैनरी उत्पादनरत हैं तथा 136 टैनरियां बन्द एवं डिस्मैण्टल हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इन 264 इकाइयों द्वारा प्रतिदिन 6.7 एमएलडी उत्प्रवाह छोड़ा जाता है, जिसके शोधन के लिए 36 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी स्थापित है। जिसके संचालन पर 17 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय आता है। उन्होंने बताया कि सीईटीपी, कन्वेंस चैनल, राइज़िंग मेन तथा पम्पिंग स्टेशन की मरम्मत हेतु 17.88 करोड़ रुपये की तत्काल आवश्यकता है।

पर्यावरण प्रमुख सचिव ने बताया कि जाजमऊ के वर्तमान सीईटीपी को यदि उच्चीकृत/सुदृढ़ीकरण किया जाता है तो इस पर अनुमानित लागत 554 करोड़ रुपये आएगी।

मुख्यमंत्री ने संयंत्र संचालन पर होने वाले वार्षिक व्यय के विषय में कहा कि इसमें से आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) शासन वहन करेगा, जबकि आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) टैनरीज़ से वसूली जाए। उन्होंने कहा कि हर टैनरी की क्षमता के अनुसार धनराशि का निर्धारण किया जाए। उन्होंने जाजमऊ स्थित टैनरीज़ तथा रमईपुर में स्थापित किये जा रहे लेदर क्लस्टर के सिलसिले में आईआईटी, कानपुर के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने के भी निर्देश दिये, ताकि इन इकाइयों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि टैनरीज़ से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार माॅनीटरिंग की जाए तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए।

मुख्यमंत्री ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत राज्य में संचालित सीवरेज परियोजनाओं तथा इसके अधीन निर्माणाधीन परियोजनाओं की गहनता से समीक्षा की और कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने राजधानी लखनऊ के रिवर फ्रण्ट कार्य के सिलसिले में पर्यावरण की अनुमति शीघ्र प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने अयोध्या एसटीपी के विषय में भी जानकारी प्राप्त की और आवश्यक निर्देश दिये। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत चल रही 30 परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।

उन्होंने प्रदेश के 60 नगरों में लागू की जा रही ‘अमृत’ योजना के तहत जलापूर्ति, सीवर, सेप्टेज, ड्रेनेज, पार्काें का विकास एवं रख-रखाव तथा परिवहन सुविधा की समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख सचिव नगर विकास को इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने अमृत मिशन के तहत कराये जा रहे कार्याें में जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में धनराशि की आवश्यकता पड़ने पर कम्पनियों द्वारा सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी के तहत उपलब्ध कराये जा रहे फण्ड का उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बन्ध में कम्पनियों तथा बैंकों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।

स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एससीएम) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत चुने गये जिलों के कार्याें में तेजी लायी जाए, ताकि इस परियोजना का लाभ नागरिकों को मिल सके। उन्होंने वाराणसी शहर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ वहां की सड़कों की दशा सुधारने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी स्मार्ट सिटीज़ में बिजली के तारों, टेलीफोन वायर्स की अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जाए और अनावश्यक खम्भे हटाये जाएं। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के सम्बन्ध में मण्डलायुक्तों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव, सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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