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पूर्वोत्तर के युवाओं को ठगने वाले गिरोह का भांडाफोड़

देश के पूर्वोत्तर में नौकरी दिलाने के नाम पर और रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने का झूठा वादा देकर एक गिरोह ने इस क्षेत्र में सैकड़ों भोले-भाले युवकों के साथ ठगी की है

पूर्वोत्तर के युवाओं को ठगने वाले गिरोह का भांडाफोड़
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इंफाल। देश के पूर्वोत्तर में नौकरी दिलाने के नाम पर और रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने का झूठा वादा देकर एक गिरोह ने इस क्षेत्र में सैकड़ों भोले-भाले युवकों के साथ ठगी की है। पुलिस ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। मीडिया की खबरों के आधार पर पुलिस ने चंडीगढ़ में अपने समकक्षों से संपर्क साधने समेत कई कदम उठाए और उनकी मदद से गिरोह का भांडाफोड़ किया।

पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैली हुई है। मणिपुर की 28 लाख की आबादी में आठ लाख से ज्यादा शिक्षित युवा हैं।

चंडीगढ़ के 'प्रोफेशनल ट्रेनर्स' के एक संदिग्ध समूह ने युवाओं को अपना शिकार बनाने के लिए दो आयामी रणनीति अपना रखी थी। पहले वे युवाओं को नौकरी दिलवाने का वादा करने का संदेश भेजा करते थे और वे उन्हें हॉस्पीटेलिटी क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का झूठा दावा करते थे।

चंडीगढ़ में एक महिला निदेशक ने आईएएनएस को बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान हॉस्टल और खाना संबंधी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती है, हालांकि उसने यह नहीं बताया कि उसका इंस्टीट्यूट ऐसी सुविधाएं क्यों दे रहा था।

आईएएनएस के पास मौजूद दस्तावेज इंस्टीट्यूट के बारे में संदेह को बढ़ाते हैं, जिसने अपना स्थान और नाम चतुराई से छुपाया हुआ है।

मणिपुर के साइबर अपराध शाखा ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना की तलाश के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

इंस्टीट्यूट द्वारा ठगी का शिकार मणिपुर के एक मुस्लिम लड़के ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर से लाए गए युवाओं को कुछ कमरों में रखा गया था।

उसने कहा, "हमें कभी भी कार्यालय का दौरा करने, दूसरों से मिलने या अधिक जानकारी प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। कुछ दिन बाद हमें बताया गया कि अगर हम अन्य युवाओं को नहीं लाते हैं तो वे हमें रोजगार नहीं प्रदान करा पाएंगे।"

बाद में उन्हें बताया गया कि सभी को 47 हजार रुपये की एक जमानत राशि जमा करानी होगी और उन्होंने 15 हजार रुपये का मासिक वेतन पैकेज देने का वादा किया। उसने कहा कि उनमें से कुछ ने भागने का फैसला किया कि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो जाए।

उसके अनुसार, कई अन्य युवा वहां फंस गए हैं और सरकार को उन्हें बचाने के लिए कुछ करना चाहिए।

गिरोह के कुछ सदस्यों ने प्रमुख पत्रकारों से संपर्क किया, ताकि कुछ अनुकूल लेख प्रकाशित किए जा सकें, जो पूर्वोत्तर के युवाओं को फंसाने में सहायता करेगा।


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