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ट्रकों के फर्जी दस्तावेज से खरीद-ब्रिकी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 राज्यों से जुड़े हैं गिरोह के तार

ट्रकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीद.ब्रिकी करने के मामले में रायपुर पुलिस को सफलता मिली है

ट्रकों के फर्जी दस्तावेज से खरीद-ब्रिकी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 राज्यों से जुड़े हैं गिरोह के तार
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रायपुर। ट्रकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीद.ब्रिकी करने के मामले में रायपुर पुलिस को सफलता मिली है। रायपुर पुलिस को पहली बार देश के सबसे बड़े अंतराज्यीय ट्रक चोर गिरोह के छह सदस्यों के नेटवर्क मिले हैं। इसके तार छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों से जुड़े निकले है।

पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि इस गिरोह ने छत्तीसगढ़ के साथ बिहार, उत्तप्रदेश,ओडि़शा,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में अपना तगड़ा नेटवर्क फैलाकर हजारों ट्रकों को लीज पर लेकर आरटीओ के कर्मचारियों से मिलीभगत कर उनका फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेचा है।

हालांकि पुलिस के पास अब तक करीब 300 ट्रक बेचने की जानकारी हाथ लगी है। फिलहाल गिरोह के सरगना की निशानदेही पर पुलिस ने अलग.अलग राज्यों से 20 ट्रकों को बरामद किया है। शेष ट्रकों की पतासाजी की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह ट्रकों की चोरी कर उसे छत्तीसगढ़ में खपाने का काम करता था। पुलिस को ट्रक चोर गिरोह के सरगना नागेंद्र सिंह की तलाश है। जबकि उसके खास साथी सत्येंद्र कुमार को बिहार के मुजफ्फरपुर से पकड़ा गया। इस गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े होने का शक है। फिलहाल गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को दबोचने पुलिस की अलग.अलग टीमे दूसरे राज्यों में कैंप कर रही है। उम्मीद है कि दर्जनभर से अधिक और ट्रकों की बरामदगी के साथ ही आरोपित को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

पांच राज्यों में डटी टीम 100 और ट्रके बरामद करने की कोशिश

एडिशनल एसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि गिरोह से जुड़े दर्जन भर से अधिक आरोपियों के नाम.पते मिलने के बाद पुलिस टीमों को उप्र, बिहारए ओडि़शाए मप्र, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भेजा गया है। देर रात तक कुछ आरोपितों को पकड़े जाने और करीब 100 ट्रक बरामद होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों की चोरी की सैकड़ों ट्रकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर रायपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में बेचा गया है।

गिरोह के सदस्य छोटे ट्रांसपोर्टरों को आधी कीमत पर ट्रक बेचते थे। मसलन 30 से 35 लाख कीमत की ट्रकें 10 से 15 लाख की कीमत पर गिरोह बेचता था। लिहाजा सस्ते कीमत में अच्छी हालत की ट्रकों को खरीदने के लिए कोई भी तैयार हो जाता था।

मुजफ्फरपुर बिहार निवासी सत्येंद्र कुमार, रायपुर के उपेंद्र शर्मा नारायण दास रोहरा भिलाई के अशोक अग्रवाल आरटीओ एजेंट राजेश यदु उर्फ ओमप्रकाश, महासमुंद के शहाबुद्दीन अहमद काजी उर्फ सब्बू पुलिस की गिरफ्त में है। नागेंद्र और सत्येंद्र बड़े ट्रांसपोर्टरों के ट्रकों को ठेके पर लेते थे। नगालैंड अरुणाचल प्रदेश बिहार,उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के आरटीओ एजेंट के माध्यम से ट्रकों का दूसरे राज्यों का दस्तावेज बनाकर अलग.अलग राज्यों में बैठे अपने सदस्यों के जरिए बेच देते थे।

शहाबुद्दीन अहमद काजी ट्रक चोरी के मामले में 10 वर्ष पूर्व भी जेल जा चुका है। काजी और अशोक अग्रवाल दुर्ग के आरटीओ एजेंट राजेश यदु की मदद से रजिस्ट्रेशन करवाते थे। यहीं नहीं मैकेनिकों को बुलाकर ट्रकों का चेचिस नंबर बदला जाता था।


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