Top
Begin typing your search above and press return to search.

क्षेत्रवाद, आतंकवाद के बीच 'गांधीवाद' जरूरी : लालजी टंडन

बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को कहा कि विश्वभर में बढ़ते तनाव, हिंसा, क्षेत्रवाद और आतंकवाद के बीच 'गांधीवाद' और गांधी के शिक्षा दर्शन पर विचार करना आवश्यक है

क्षेत्रवाद, आतंकवाद के बीच गांधीवाद जरूरी : लालजी टंडन
X

पटना। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को कहा कि विश्वभर में बढ़ते तनाव, हिंसा, क्षेत्रवाद और आतंकवाद के बीच 'गांधीवाद' और गांधी के शिक्षा दर्शन पर विचार करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था में गांधीजी के विचारों की उपादेयता पर सकारात्मक रूप से विचार करना जरूरी है। पटना विश्वविद्यालय के 101वें स्थापना-दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, "आज की शिक्षा व्यवस्था को सिर्फ उपाधि प्रदान करने वाली शिक्षा न बनाकर, इसे 'कौशल-विकास', 'स्टार्ट-अप', भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता वाली छवि तथा राष्ट्रवादी समता और समरसतामूलक चिंतन-धारा से जोड़ना श्रेयस्कर है।"

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र में कई मूलभूत सुधारवादी परिवर्तनशील कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में भी कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे इस विश्वविद्यालय की प्राचीन गरिमा को फिर वापस ला सकते हैं।

टंडन ने शिक्षक आर छात्र को विश्वविद्यालय की बुलंदी के दो प्रमुख आधार स्तम्भ बताते हुए कहा, "विश्वविद्यालय को आगे ले जाने में विद्यार्थियों की महवपूर्ण भूमिका है। उन्होंने छात्रसंघ चुनाव को जरूरी बताते हुए कहा कि सभी विद्यार्थियों को छात्रहितों की बात को यान में रखकर अगला चुनाव कराने में आगे आते हुए नए मूल्यों की स्थापना करनी चाहिए।"

राज्यपाल ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की गौरवगाथा को भारत ही नहीं पूरा विश्व जानता है। यह स्वतंत्रता-आंदोलन का बहुत बड़ा केंद्र रहा है। 'संविधान-सभा' के प्रथम अध्यक्ष डॉ़ सच्चिदानन्द सिन्हा इस विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। डॉ़ रामधारी सिंह 'दिनकर' की राष्ट्रीयता से जुड़ी फौलादी आवाज इसी परिसर से ही प्रारंभ हुई थी। इसी 'व्हीलर सीनेट हाउस' से लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा 'सम्पूर्ण क्रांति' की आवाज भारत के हर कोने तक पहुंचाई गई थी।

उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विश्वविद्यालय के 'शताब्दी समारोह' के उद्घाटन कार्यक्रम में आए थे, तब उन्होंने भी खुले मंच से पटना विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की प्रतिस्पर्धा में आने का निमंत्रण दिया था। उनका यह निमंत्रण विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत पर आधारित था।

राज्यपाल ने पटना विश्वविद्यालय के 'स्थापना-दिवस' के अवसर पर सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों, विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों आदि को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it