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गांधीवादी और पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख कुमारी अनंथन का निधन, सीएम स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात गांधीवादी कुमारी अनंथन का बुधवार तड़के निधन हो गया। वह 93 वर्ष की थे

गांधीवादी और पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख कुमारी अनंथन का निधन, सीएम स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि
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चेन्नई। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात गांधीवादी कुमारी अनंथन का बुधवार तड़के निधन हो गया। वह 93 वर्ष की थे।

अनंथन वेल्लोर ने एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।

कुमारी अनंथन तमिलनाडु की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व थे। वे न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि तमिल भाषा और संस्कृति के प्रबल समर्थक भी थे। उनकी बेटी वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने पिता के निधन की जानकारी दी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अनंथन के निधन पर शोक जताया और तमिलिसाई के सालीग्राम, चेन्नई स्थित आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

स्टालिन ने कहा, "कुमारी अनंथन ने अपना जीवन कांग्रेस आंदोलन और तमिल समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया। उनका निधन तमिल समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है।"

पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कई राजनीतिक नेताओं ने दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि दी। भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "एक कट्टर राष्ट्रवादी, कुमारी अनंथन का निधन तमिलनाडु और साहित्य जगत के लिए एक क्षति है।"

19 मार्च, 1933 को कन्याकुमारी जिले के अगस्तीश्वरम में जन्मे अनंथन स्वतंत्रता सेनानी हरिकृष्णन और थंगम्माल के पुत्र थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता के. कामराज से प्रेरित होकर उन्होंने गांधीवादी आदर्शों पर आधारित राजनीतिक यात्रा शुरू की।

उन्होंने संसद में तमिल में भाषण देने का अधिकार स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1977 में वे नागरकोइल से लोकसभा सांसद चुने गए और बाद में 1980, 1984, 1989 और 1991 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए चार बार विधायक रहे। उनकी वाकपटुता के लोग कायल थे। यही कारण है कि उन्हें 'इलाकिया सेल्वर' (साहित्यिक धन) की उपाधि से नवाजा गया।

टीएनसीसी अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने किसानों और हाशिए पर पड़े समुदायों के हितों की रक्षा के लिए राज्य भर में कई पदयात्राओं का नेतृत्व किया। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में एक विरोध प्रदर्शन था जिसके बाद छोटे किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के प्रावधान पर मुहर लगी।

उन्होंने राज्य में केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में तमिल भाषा को प्राथमिकता देने की वकालत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनके आजीवन योगदान के सम्मान में, अनंथन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें महाकवि भारतियार पुरस्कार और पेरुंथलैवर कामराज पुरस्कार शामिल हैं।

2024 में स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा प्रतिष्ठित थगैसल तमिलझर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

उनका पार्थिव शरीर चेन्नई के सालिग्रामम में उनकी बेटी के निवास पर जनता के अंतिम दर्शन हेतु रखा जाएगा।

अनंथन की राजनीतिक विरासत उनकी बेटी तमिलिसाई सुंदरराजन आगे बढ़ा रही हैं, जो भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं। उनके भतीजे विजय वसंत कन्याकुमारी से वर्तमान सांसद हैं। उनके छोटे भाई, दिवंगत वसंतकुमार भी उसी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।


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