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'बुद्ध व ईसा मसीह की तरह गांधी हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे'

राजनेताओं व नागरिक समाज के सदस्यों ने मंगलवार को महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया और राष्ट्रपिता की तुलना भगवान बुद्ध व ईसा मसीह से की

बुद्ध व ईसा मसीह की तरह गांधी हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे
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नई दिल्ली। राजनेताओं व नागरिक समाज के सदस्यों ने मंगलवार को महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया और राष्ट्रपिता की तुलना भगवान बुद्ध व ईसा मसीह से की। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) द्वारा आयोजित समारोह में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि 'महात्मा गांधी तब तक प्रासंगिक बने रहेंगे जब तक हम प्यार, मित्रता, सच्चाई, सम्मान व हर वह अच्छी चीज जिसे हम समाज के लिए अच्छा मानते हैं, वे सभी प्रासंगिक बने रहेंगे।'

उन्होंने कहा कि 'हम सभी को गांधीजी को परमाणु विवाद के युग में फिर से खोजने की जरूरत है, जो बुद्ध, ईसा मसीह, राम, कृष्ण व मोहम्मद की तरह प्रासंगिक हैं।'

इतिहासकार मृदुला मुखर्जी ने कहा कि गांधीजी की प्रासंगिकता आज कई गुना बढ़ गई है जब 'कट्टरता को दंडित नहीं किया जा रहा है और मीडिया को सत्ता की पैरोकारी के लिए धमकाया जा रहा है।'

पूर्व पत्रकार व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि आत्म निर्भरता के प्रतीक के तौर पर गांधी द्वारा समर्थित खादी, अब भी दुनिया भर में सौहार्द का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रसार भारती की पूर्व अध्यक्ष मृणाल पांडे ने महात्मा गांधी के संगीत व लय के साथ लगाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह 1908 से संगीत समारोहों में सम्मिलित होते थे क्योंकि वह कहते थे कि देश जो एक लय में नहीं गा सकता वह एक मुद्दे पर एकजुट नहीं हो सकता।


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