दीपमाला की रौशनी से गुलज़ार हुआ गड़ीसर तालाब
राजस्थान के सीमांत जैसलमेर में रौशनी का पर्व दीपावली से पूर्व धनतेरस की रात ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब दीपमाला से जगमगा उठा।

जैसलमेर । राजस्थान के सीमांत जैसलमेर में रौशनी का पर्व दीपावली से पूर्व धनतेरस की रात ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब दीपमाला से जगमगा उठा।
सामाजिक सरोकार और नवाचार के प्रतिक ग्रुप फ़ॉर पीपल जैसलमेर के तत्वाधान में गड़ीसर तालाब पर इकतीस सौ दीपो से दीपमाला सजाई गई। इस मौके देशी विदेशी सैलानोयों ने भी दीप जलाए। दीपो से सजे गड़ीसर के घाट, बंगली और मुख्य द्वार रौशनी से जगमगा रहे थे। झील में जगमग तैरते दीपक अनायास सैलानियों का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। सैलानी दीपमाला देखकर खुश नजर आ रहे थे वही जमकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का लुत्फ उठा रहे थे।
गड़ीसर पर पहली बार भव्य ऐतिहासिक दीपमाला का आयोजन पधारो म्हारे जैसाण और स्वच्छ जैसाण थीम पर किया गया। दीपों से सजा गड़ीसर और घाट रोशनी से नहा उठे थे। बिजली बंद कर देने के बाद गड़ीसर का दृश्य किसी जन्नत से कम नजर नहीं आ रहा था। इस दृश्य के जिला कलेक्टर नमित मेहता, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, आयुक्त बृजेश राय , जिला प्रमुख अंजना मेघवाल ,जैसलमेर प्रधान अमरदीन फ़क़ीर तथा हज़ारो की संख्या में आये देशी विदेशी सैलानी साक्षी बने।
पश्चिम बंगाल से आये अभिनव चटर्जी और उनकी पत्नी ने कहा कि ऐसे खूबसूरत दृश्य पहले फिल्मों में देखे और आज वास्तविक दृश्य देख आनंद आ गया। कनाडा की हेनरी ओलिय ने कहा कि जैसलमेर को पर्यटन और स्वच्छता जागरूकता के लिए इतनी खूबसूरत दीपमाला आयोजित की गई। जिसे अपने साथ याद के रूप में ले जा रही है।
इस अवसर दीपमाला में स्थानीय बालिकाओं द्वारा बनाई गई पर्यटन और स्वच्छ जैसाण का सन्देश देती खूबसूरत रंगोली और स्वच्छता का सन्देश देता दीपों से सज्जा महात्मा गांधी का चश्मा आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान सैलानियों ने दीपों से सजी रंगोलियों के साथ जमकर सेल्फियां ली।


