साध्वी प्रज्ञा के मामले में आयोग की कार्यप्रणाली संदिग्ध : मायावती
भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के मामले में चुनाव आयोग के रूख पर संदेह जताते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संवैधानिक संस्था की कार्यप्रणाली लोकतंत्र के लिये चिंता का विषय

लखनऊ । भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के मामले में चुनाव आयोग के रूख पर संदेह जताते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संवैधानिक संस्था की कार्यप्रणाली लोकतंत्र के लिये चिंता का विषय है।
सुश्री मायावती ने ट्वीट किया “ भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी और मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा का दावा है कि वे ’धर्मयुद्ध’ लड़ रही हैं। यही है बीजेपी/आरएसएस का असली चेहरा जो लगातार बेनकाब हो रहा है। लेकिन आयोग केवल नोटिसें ही क्यों जारी कर रहा है तथा बीजेपी रत्न प्रज्ञा का नामांकन क्यों नहीं रद्द कर रहा है। ”
भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी व मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा का दावा है कि वे ’धर्मयुद्ध’ लड़ रही हैं। यही है बीजेपी/आरएसएस का असली चेहरा जो लगातार बेनकाब हो रहा है। लेकिन आयोग केवल नोटिसें ही क्यों जारी कर रहा है व बीजेपी रत्न प्रज्ञा का नामांकन क्यों नहीं रद्द कर रहा है?
— Mayawati (@Mayawati) April 22, 2019
उन्होने फिर लिखा “ मीडिया की जबर्दस्त आलोचनाओं के बावजूद चुनाव आयोग अगर जनसंतोष के मुताबिक निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी चिन्ता की बात है। इस गिरावट के लिए असली जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि बीजेपी व पीएम मोदी हैं जो गंभीर चुनावी आरोपों से घिरे हैं।”
मीडिया की जबर्दस्त आलोचनाओं के बावजूद चुनाव आयोग अगर जनसंतोष के मुताबिक निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी चिन्ता की बात है व इस गिरावट के लिए असली जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि बीजेपी व पीएम श्री मोदी हैं जो गंभीर चुनावी आरोपों से घिरे हैं।
— Mayawati (@Mayawati) April 22, 2019
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा से टिकट दिया है जहां उनका मुकाबला भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से है। हाल ही में प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह से अपनी चुनावी लड़ाई को धर्मयुद्ध करार दिया था।


