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ललित सुरजन की कलम से- यात्रा वृत्तांत : एक अनूठे गाँव की कहानी

पटना से गंगा के दक्षिणी किनारे के साथ-साथ पूरब की दिशा में चलते हुए सेमरिया घाट पर राजेन्द्र सेतु पार कर कोई तीन घंटे में हम बेगूसराय पहुंचे

ललित सुरजन की कलम से- यात्रा वृत्तांत : एक अनूठे गाँव की कहानी
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'पटना से गंगा के दक्षिणी किनारे के साथ-साथ पूरब की दिशा में चलते हुए सेमरिया घाट पर राजेन्द्र सेतु पार कर कोई तीन घंटे में हम बेगूसराय पहुंचे। यहां निकट ही बरोनी में इंडियन ऑयल का तेलशोधन संयंत्र है और जो बिहार में औद्योगिक विकास का एकमात्र उदाहरण है। बेगूसराय में राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही महाकवि दिनकर की विशालकाय प्रतिमा स्थापित है।

थोड़ा आगे बढ़कर गांव की तरफ रास्ता मुड़ता है। तीस-पैंतीस मिनट बाद गोदरगावां पहुंचते हैं। प्रवेश करते साथ ही चन्द्रशेखर आजाद की आदमकद मूर्ति लगी है। गांव के ही एक किसान ने अपने स्वर्गवासी अनुज की स्मृति में इस प्रतिमा की स्थापना की है।

देश में ऐसे उदाहरण कम ही होंगे जहां प्रियजन की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए एक महान क्रांतिवीर की प्रतिमा लगाई जाए। यहां एक ओर निजी स्मृतियों को संजोए रखने की भावुकता थी, तो दूसरी ओर समाज को बदलने का अधूरा सपना वास्तविकता में बदलने का एक मौन संकल्प भी।'

(देशबंधु में 4 अप्रैल 2013 को प्रकाशित)

https://lalitsurjan.blogspot.com/2013/04/blog-post.html


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