ललित सुरजन की कलम से- क्या तिलिस्म टूट रहा है?
'हमारे प्रधानमंत्री की एक खूबी है कि उनके पास अंधसमर्थकों की एक बड़ी फौज है। विरोधी पक्ष उन्हें भक्त की संज्ञा देता है

'हमारे प्रधानमंत्री की एक खूबी है कि उनके पास अंधसमर्थकों की एक बड़ी फौज है। विरोधी पक्ष उन्हें भक्त की संज्ञा देता है। यह वर्ग मोदीजी के कहे को अंतिम सत्य मानकर चलता है। फिर वे भले ही बिना तथ्यों व तर्कों की परवाह किए जब जैसा मन में आए कह दें।
जैसे अभी उन्होंने सिक्किम में सगर्व बताया कि उनके चार साल के राज में पैंतीस नए विमानतल सेवा के लिए चालू हो गए हैं। हकीकत में यह संख्या सिर्फ सात है। विपक्षी उनके इन उद्गारों को संकलित कर सोशल मीडिया पर खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकते।
अब तो प्रधानमंत्री के निकट माने जाने वाले चैनल और पत्रकार भी कहने लगे हैं कि प्रधानमंत्री के पास अनुभवी, जानकार और बुद्धिमान लोगों का अभाव है। जो स्तंभकार मोदीजी की प्रशंसा करते थकते नहीं थे, वे अब दबी जुबान से सलाह देने लगे हैं कि उन्हें क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।'
(देशबन्धु में 27 सितम्बर 2018 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2018/09/blog-post_26.html


