ललित सुरजन की कलम से- बिलासपुर की पांच बहनें
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान प्रारंभ हुआ

'नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान प्रारंभ हुआ। यह मोदी सरकार के प्रमुखतम कार्यक्रमों में एक है। इसका उद्देश्य है कि भारत में जो लैंगिक असमानता सदियों से विद्यमान है, देश में लड़के व लड़कियों के अनुपात में एक बड़ी खाई बनी है वह बढ़ती जा रही है, उसे दूर किया जाए।
कुछ प्रदेश लंबे समय से कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम रहे हैं। अगर बेटी हुई है तो जन्म होते ही उसे मार डालने के लोमहर्षक प्रसंग सामने आए हैं। यह भी अध्ययन से पता चला है कि शहरी पढ़े-लिखे सक्षम वर्ग में पुत्री के बजाय पुत्र को प्राथमिकता दी जा रही है।
दिल्ली, मुंबई इत्यादि महानगरों के आंकड़े यही बयान करते हैं। कुछ समय पहले ही महाराष्ट्र के सांगली जिले में किसी जगह पर दर्जनों मृत भ्रूण प्राप्त हुए जिससे खलबली मच गई। अनुमान है कि आसपास के अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों में गर्भस्थ शिशु के लड़की होने की जानकारी मिलने के बाद गर्भपात करवा भ्रूण वहां दफनाए गए। इसकी खोजबीन जारी है, लेकिन कोई न्यायिक कार्रवाई हुई हो तो मेरी जानकारी में नहीं है।
(देशबन्धु में 18 मई 2017 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2017/05/blog-post_18.html


