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 फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों 'येलो वेस्ट्स' संकट पर श्रमिक संगठनों से मिले

 फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश में जारी हिंसक 'येलो वेस्ट्स' प्रदर्शनों के बीच बढ़ते असंतोष को दूर करने के लिए सोमवार को श्रमिक संगठनों के नेताओं, व्यवसाइयों और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ ब

 फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों येलो वेस्ट्स संकट पर श्रमिक संगठनों से मिले
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पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश में जारी हिंसक 'येलो वेस्ट्स' प्रदर्शनों के बीच बढ़ते असंतोष को दूर करने के लिए सोमवार को श्रमिक संगठनों के नेताओं, व्यवसाइयों और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। इस विरोध प्रदर्शन ने सत्ता पर मैक्रों की पकड़ के लिए चुनौती पेश कर दी है। यह आपात बैठक सुबह एलिसी पैलेस में हुई, जहां मैक्रों, प्रधानमंत्री एडुआडरे फिलिपे और श्रमिक नेताओं ने बढ़ती सामाजिक अशांति का समाधान निकालने की कोशिश की।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, बैठक में हिस्सा लेने के बाद जनरल कंफेडरेशन ऑफ लेबर (सीजीटी) के निदेशक, फिलिपे मार्टिनेज ने एक बयान में कहा कि यदि सरकार जनता की तकलीफों को नहीं समझ रही है, तो वह नहीं चाहेंगे कि संवाद की एक छवि पेश करने के लिए सरकार उनके नाम का इस्तेमाल करे।

सीजीटी ने आगे कहा कि उसे खास कदमों वाले एक ऐसे प्रस्ताव की उम्मीद थी, जिसे तत्काल लागू किया जाए। खासतौर से न्यूनतम वेतन को 20 फीसदी बढ़ाकर 1,800 यूरो (2,052 डॉलर) प्रति वर्ष किया जाए, पेंशन बढ़ाई जाए और संपत्ति कर को फिर से स्थापित करने के लिए एक सामाजिक न्याय सुधार लागू किया जाए।

वित्तमंत्री ब्रुनो ली मायर ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम वेतन में 1.8 प्रतिशत वृद्धि की मांग को खारिज कर दिया है।

मैक्रों बढ़ती महंगाई, ईंधन कर में बढ़ोतरी के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के कारण आलोचना झेल रहे हैं। पूर्व बैंकर मैक्रों पर आरोप है कि उन्होंने फ्रांसीसी समाज में असमानता को दूर करने के लिए कुछ खास नहीं किया है।

इस सप्ताहांत में सरकार पर काफी दबाव बढ़ा है। पुलिस ने प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर रबर बुलेट दागे और आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।

फ्रांसीसी अधिकारियों ने पेरिस की सड़कों पर आठ हजार पुलिसकर्मियों और देश भर में हजारों सशस्त्र जवान तैनात किए हैं।

यह आंदोलन सोशल मीडिया पर पहली बार वंचित ग्रामीण इलाकों के नागरिकों द्वारा फेसबुक इवेंट्स के साथ शुरू हुआ था।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोग मैक्रों के इस्तीफे के साथ पेंशन और शिक्षा पर सरकारी खर्च में वृद्धि, करों में कमी, बुनियादी ढांचे में सुधार, अप्रवासन में कटौती और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।


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