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जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने में दलालों से मिली मुक्ति

 उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र में मौजूद गलती में सुधार कराने और अपरिहार्य कारणों से छुटी आवश्यक जानकारी जुड़वाने के लिए अब न आपको दलालों का सहारा लेना पड़ेगा

जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने में दलालों से मिली मुक्ति
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नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र में मौजूद गलती में सुधार कराने और अपरिहार्य कारणों से छुटी आवश्यक जानकारी जुड़वाने के लिए अब न आपको दलालों का सहारा लेना पड़ेगा और न ही नागरिक सेवा ब्यूरो (सीएसबी) कार्यालय में जाना पड़ेगा। दरअसल, निगम ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में धांधली की शिकायतों के बाद सभी प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन कर दिया है।

इससे न सिर्फ प्रमाणपत्र में दर्ज नाम, पता और अन्य परिवर्तन संबंधी कार्य घर बैठे ही कराए जा सकेंगे। बल्कि दलालों और निगम कार्यालयों के चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी। साथ ही निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। फिलहाल यह सुविधा निगम में पंजीकृत जन्म एंव मृत्यु प्रमाणपत्र पत्रों पर ही उपलब्ध कराई गई है।

वहीं, सिटी जोन से जारी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों मे फर्जीवाड़े को लेकर सामने आई शिकायत के आधार पर निगम ने 45 जन्म प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है। इन प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल करना गैरकानूनी होगा। इस संबंध में निगम के जीवन-मरण सांख्यिकी प्रभारी अधिकारी (ऑफिसर इंचार्ज वाइटल स्टैटिस्टिक्स) डॉ जसमीन दुग्गल ने बताया कि उक्त 45 जन्म प्रमाण पत्र उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) के आदेश पर जारी किए गए थे लेकिन जांच में पाया गया कि एसडीएम ने इस बाबत कोई आदेश ही जारी नहीं किया था। इसलिए इन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।

इसके साथ ही डॉ. दुग्गल ने बताया कि निगम ने 720001 से 722000 , 724001 से 734000, 736001 से 738000, 740001 से 742000, 744001 से 746000 और 288001 से 290000 अंक संख्या वाले तमाम प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है। इन अंक संख्या वाले कागज पर जारी जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र अवैध होंगे। दुग्गल के मुताबिक निगम की ऑनलाइन प्रक्रिया से सादे कागज पर लिया गया प्रिंट भी मान्य होगा। जबकि रद्द किए जा चुके प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करना गैरकानूनी होगा।

इसके साथ ही ओ.आई.वी.एस. ने बताया कि मामले की जांच जारी है। अगर जांच में किसी निगमकर्मी को दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। कोई अन्य दोषी पाया गया तो उस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा। गौरतलब है कि करीब दो साल पहले सिटी जोन कार्यालय से करीब 20 हजार रिक्त प्रमाण पत्र चोरी हो गए थे। इस संबंध में तत्कालीन उप पंजीयक (जन्म एंव मृत्यु पंजीकरण) को निलंबित कर दिया गया था। जबकि एक स्थानीय नागरिक रजनीश ढींगरा द्वारा इस मामले को केंद्रीय सतर्कता आयोग में ले जाया गया था। सीआईसी के निर्देश पर निगम ने चोरीशुदा रिक्त प्रमाण पत्र और 45 जन्म प्रमाण रद्द करने की कार्यवाही को अंजाम दिया है।


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