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प्रो बजरंग बिहारी तिवारी को 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' 

यह सम्मान उनकी चर्चित कृति 'केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य' पर दिया जाएगा

प्रो बजरंग बिहारी तिवारी को स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान 
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चित्तौड़गढ़। सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के जन्म शताब्दी वर्ष में साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' की घोषणा कर दी गई है। संभावना के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 के लिए 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' प्रो बजरंग बिहारी तिवारी को उनकी चर्चित कृति 'केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य' पर दिया जाएगा। डॉ शर्मा ने बताया कि मूलत: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक छोटे से गांव नियावां के किसान परिवार में जन्में तिवारी की यह कृति भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य के महत्त्व की मीमांसा करती है। वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, भोपाल निवासी वरिष्ठ हिंदी कवि राजेश जोशी और जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल की चयन समिति ने सर्व सम्मति से इस कृति को पुरस्कार के योग्य पाया।

काशीनाथ सिंह ने वक्तव्य में कहा कि अपने अध्यवसाय और विद्वत्ता से बजरंग बिहारी तिवारी ने दलित साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व का प्रतिपादन किया है। भारतीय ज्ञान परम्परा से प्राप्त मूल्य दृष्टि को आधुनिक रौशनी में पुनर्नवा कर उन्होंने साहित्य मूल्यांकन में बड़ा योगदान किया है जिसकी पुष्टि इस किताब से होती है। राजेश जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही अपने को साहित्य मीमांसा के लिए समर्पित कर देने वाले तिवारी ने इस विषय पर पांच पुस्तकें लिखी हैं और अनेक पुस्तकें सम्पादित भी की हैं।

जोशी ने 'केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य' को प्रो तिवारी के आलोचना लेखन का शिखर बताया। डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने अपनी अनुशंसा में कहा कि बजरंग जी का आलोचना लेखन साहित्य की सामाजिकता की नए ढंग से स्थापना करने वाला है जहां लेखन और आचरण का कोई द्वैत नहीं है। डॉ शर्मा ने बताया कि 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' में कृति के लेखक को ग्यारह हजार रुपये, शाल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाता है।

उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में शीघ्र आयोज्य समारोह में वर्ष 2020 के लिए सम्मानित सुधीर विद्यार्थी तथा बजरंग बिहारी तिवारी को सम्मानित किया जाएगा।

संभावना द्वारा स्थापित इस पुरस्कार के संयोजक डॉ कनक जैन ने बताया कि राष्ट्रीय महत्त्व के इस सम्मान के लिए इस वर्ष दलित लेखन पर आलोचना कृतियों की अनुशंसा मांगी गई थी जिसमें देश भर से कुल आइस कृतियां प्राप्त हुई थीं, जिनके आधार पर चयन समिति ने अपनी अनुशंसा में 'केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य' को श्रेष्ठतम कृति घोषित किया।


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