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गरीब का नि:शुल्क उपचार शासन की जिम्मेदारी : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीब के उपचार की व्यवस्था शासन की जिम्मेदारी है

गरीब का नि:शुल्क उपचार शासन की जिम्मेदारी : शिवराज
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीब के उपचार की व्यवस्था शासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों के लिए नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था के लिए चिकित्सालय चिन्हित किए गए है। इसके साथ ही गरीब के लिए नि:शुल्क उपचार की व्यवस्थाओं को अधिक विस्तारित करने के संबंध में प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि सी-टी स्कैन की निर्धारित दरों को कम करने के तरीकों पर भी विचार किया जाए। दर ऐसी हो जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग द्वारा भी वहन की जा सके।

श्री चौहान आज कोरोना कोर ग्रुप की बैठक को विडियों काँन्फ्रेंस द्वारा मुख्यमंत्री निवास से संबोधित कर रहे थें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश की पॉजीटिविटी रेट दिनांक 4 मई को राष्ट्रीय औसत से कम हो गई है। राष्ट्रीय औसत 21.6 प्रतिशत की तुलना में प्रदेश की औसत 20.7 प्रतिशत हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब व्यक्तियों के उपचार के लिए आयुष्मान कार्ड के साथ ही अन्य नि:शुल्क उपचार की वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की जाए। उन्होंने कोविड रोगियों का निजी चिकित्सालयों में उपचार शासन द्वारा निर्धारित शुल्क पर हो। इस व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सालय को मनमानी दरों पर उपचार की छूट नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एम्बुलेंस की दरें प्रति किलो मीटर के आधार पर निर्धारित करने के निर्देश दिए। इसी तरह सी-टी स्कैन करवाने के परामर्श के लिए भी निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार व्यवस्थाएं कराने की जरूरत बताई।

उन्होंने प्रभारी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि ग्रामीण अंचल के कोरेन्टाइन सेंटर और कोविड केयर सेंटरों का निरीक्षण करें और वहॉ की व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाए। उन्होंने कहा कि कोरेन्टाइन और कोविड केयर सेंटरों की व्यवस्थाओं के संबंध में जन जागरण भी किया जाए, ताकि संक्रमित व्यक्ति को वहाँ पर रख कर संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी आकस्मिक रूप से ग्रामीण अंचल के कोविड केयर और कोरेन्टाईन सेंटर का निरीक्षण करेंगे।

उन्होंने बीना रिफायनरी में बनने वाले अस्पताल के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उनको बताया गया कि मई माह के मध्य तक 200 ऑक्सीजन बिस्तर का अस्पताल प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होंने मोहासा-बाबई में निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लान्ट की गति को भी तीव्र करने के निर्देश दिए। उनको बताया गया कि इंदौर में ई.एस.आई. के चिकित्सालय में शीघ्र ही कोविड केयर सेंटर शुरु हो जाएगा।
श्री चौहान ने प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की। उनको बताया गया कि ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति बेहतर हुई है।

2 मई को ऑक्सीजन की 516 मैट्रिक टन आवश्यकता की तुलना में 683 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। प्रदेश को आवंटित ऑक्सीजन मात्रा के तुलना में 90 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार ठीक ढंग से हो रही है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजो में आगामी 2 दिन की ऑक्सीजन आवश्यकता से अधिक का भंडारण हो गया है। प्रदेश में ऑक्सीजन भंडारण क्षमता पूर्णता की ओर तेजी से बढ़ रही है। विगत चार दिनों में 4 नये ऑक्सीजन टैंकर भी प्राप्त हुए है। आगामी 2-3 दिनों में सिंगापुर से अयातित दो टैंकर भी प्राप्त हो जाएगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर संचालन टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि मॉनीटरिग की गहनता बनी रहे।

मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आज 12 हजार 236 नये पॉजीटिव केस मिले हैं। चिकित्सालयों से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या में करीब 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दिनांक 2 मई को डिस्चार्ज संख्या 1505 की तुलना में 3 मई को 1781 डिस्चार्ज हुए है।


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