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निजी अस्पतालों में एसिड अटैक पीड़ितों का मुफ्त इलाज हो : एनसीडब्ल्यू

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को, एसिड और अन्य संक्षारक पदार्थों की बिक्री और खरीद पर रोक लगाने की मांग करते हुए निजी अस्पतालों से एसिड अटैक पीड़ितों के लिए मुफ्त चिकित्सा देखभाल की सिफारिश की है

निजी अस्पतालों में एसिड अटैक पीड़ितों का मुफ्त इलाज हो : एनसीडब्ल्यू
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को, एसिड और अन्य संक्षारक पदार्थों की बिक्री और खरीद पर रोक लगाने की मांग करते हुए निजी अस्पतालों से एसिड अटैक पीड़ितों के लिए मुफ्त चिकित्सा देखभाल की सिफारिश की है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को, एसिड और अन्य संक्षारक पदार्थों की बिक्री और खरीद, पीड़ित के मुआवजे, उपचार और पुनर्वास के मुद्दों को हल करने के लिए अखिल भारतीय नोडल अधिकारियों की बैठक' का आयोजन किया।

इस बैठक में 23 नोडल अधिकारियों और पूरे भारत के राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने की। बैठक में एनसीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव अशोली चलई और आयोग के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी आशुतोष पांडे भी मौजूद रहे।

अपने उद्घाटन भाषण में रेखा शर्मा ने एसिड और अन्य संक्षारक पदार्थों की अनियंत्रित बिक्री को समाप्त करने और पीड़ित लोगों के उचित पुनर्वास की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद, सच्चाई यह है कि एसिड अभी भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तेजाब की अनियंत्रित बिक्री को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए जाएं। किसी भी समाज को तब तक सभ्य नहीं माना जा सकता, जब तक कि वह महिलाओं पर इस तरह के जघन्य अत्याचार को रोकने के लिए कार्य नहीं करता है।

इस बैठक में आयोग की ओर से कुछ सिफारिशें भी की गई। स्कूलों, विश्वविद्यालयों और कानून प्रवर्तन और अन्य संस्थानों में लैंगिक संवेदनशीलता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाए। एसिड की बिक्री पर सख्त नियम लागू किया जाए, लाइसेंस देने का एकमात्र अधिकार जिलाधिकारियों के पास हो, 15 दिनों के बाद स्टॉक की पुष्टि करना और एसिड की बिक्री पर नियमित रिपोटिर्ंग की आवश्यकता होनी चाहिए। इस पैनल ने निजी अस्पतालों को एसिड अटैक पीड़ितों के लिए मुफ्त चिकित्सा देखभाल, एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण और कॉपोर्रेट सामाजिक जिम्मेदारी के माध्यम से उनके लिए एक कॉर्पस फंड स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी सुझाव दिया है।

बैठक के दौरान इस पर जोर दिया गया कि सेंसर बोर्ड से फिल्मों में बदले की साजिशों के महिमामंडन को प्रतिबंधित किया जाए। पीड़ितों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाए। इसके साथ ही तेजाब हमलों के पीड़ितों के लिए अधिक पुनर्वास और रोजगार के अवसरों को सक्षम करने के लिए भी सुझाव दिए गए। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए बैठक के दौरान चर्चा की गई सभी सिफारिशों को आगे बढ़ाएगा और एसिड हमलों से प्रभावित महिलाओं की मदद के लिए और मामलों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।


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