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पांच साल में नहीं मिली प्राधिकरण को फ्री पार्किंग

सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन में मुसाफिरों के लिए जिस पार्किंग का निर्माण 2011 से अब तक हो जाना चाहिए था

पांच साल में नहीं मिली प्राधिकरण को फ्री पार्किंग
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नोएडा। सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन में मुसाफिरों के लिए जिस पार्किंग का निर्माण 2011 से अब तक हो जाना चाहिए था। उस प्लाट का आवंटन प्राधिकरण तीन माह में रद्द कर सकता है।

आवंटी को यह जमीन प्राधिकरण की 2011 में निकाली गई कमर्शियल प्लाट स्कीम के तहत अलाट की गई थी। शर्तों के अनुसार पांच साल में आवंटी को यहा 400 कारों के लिए एक पार्किंग का निर्माण करना था। जिसका प्रवेश व निकासी अलग होनी थी। तीन महीने शेष है। न तो पार्किंग का निर्माण किया गया और न ही यहा किसी प्रकार की कमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है। एक आरटीआई के सवालों के जवाब में प्राधिकरण ने बताया कि सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन के पास प्लाट नंबर सी-171 आवंटी को 29 नवम्बर 2011 में अलाट किया गया था।

प्लाट का मालिकाना हक एआईएमएस सानया डेवलपर को किया गया। इस प्लाट को मुख्य आवंटी ने उप विभाजन दो भागों में प्लाट नंबर सी-171/1 एम्स सानया जबकि 171/2 सेवन आर होटल प्रलि. के नाम कर दिया। आवंटन की शर्तो थी कि आवंटी पांच साल में यहा 400 कारों की एक पार्किंग का निर्माण करेगा। यह पार्किंग प्राधिकरण को नि:शुल्क दी जाएगी। जिसका प्रयोग मेट्रो के मुसाफिर कर सकेंगे।

लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्लाट अब भी खाली है। ऐसे में मेट्रो के मुसाफिरों के अलावा यहा आने वाले वााहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य परियोजना अभियंता संदीप चंद्रा ने शर्तो के अनुसार यदि आवंटी नियमो के विरूद्ध काम करता है तो उसका आवंटन रद्द किया जा सकता है। अन्यथा वह पेनाल्टी देकर टाइम एक्सटेंशन करवा सकता है। बहरहाल इस मामले में प्राधिकरण की लापरवाही साफ उजागर हो रही है। एक तरफ जहा शहर में पार्किंग को लेकर समस्या बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर प्राधिकरण ने एक नहीं कई ऐसे कमर्शियल प्लाट आवंटित किए है। जहा कमर्शियल एक्टिविटी होने से पहले प्राधिकरण को नि:शुल्क पार्किंग की सुविधा मुहैया करानी थी।

इस प्लाट पर पहले होती थी मेट्रो की पार्किंग

आवंटन होने से पहले मेट्रो की पार्किंगइसी प्लाट पर की जाती थी। यहा करीब 400 से ज्यादा वाहन प्रतिदिन खड़े किए जाते थे। ऐसे में यहा आने वाले मुसाफिरों को दिक्कत नहीं थी। वर्तमान समय में ऐसे मुसाफिर जिनके पास बड़े वाहन है उन्हें पार्किंग के लिए बोटेनिकल गार्डन या सिटी सेंटर जाना पड़ रहा है।

सर्विस लेन को बना दिया पार्किंग

प्राधिकरण ने डीएससी रोड की सर्विस लेन को ही पार्किंग में तब्दील कर दिया। यहा मेट्रो स्टेशन के बगल में बनी सर्विस रोड पर प्रतिदिन करीब 250 से ज्यादा दो पहिया वाहन खड़े हो रहे है। आलम यह है कि यहा वाहनों को निकलने तक की जगह नहीं है। यही नहीं पीक आवर के समय डीएससी रोड पर जाम की प्रमुख वजह भी यही पार्किंग है। ऐसे में यदि नियम व शर्तो के अनुसार काम होता तो इस पार्किंग को अब तक शिफ्ट हो जाना चाहिए था।


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