रेल टिकट का खिड़की से चलता फर्जीवाड़ा
आरक्षित टिकट के बाद अब अनारक्षित टिकट से फर्जीवाड़े का गोरखधंधा सामने आया है और इसके बाद जहां समूची रेलवे में हड़कंप मच गया है तो वहीं आधा दर्जन से अधिक रेलकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है
नई दिल्ली। आरक्षित टिकट के बाद अब अनारक्षित टिकट से फर्जीवाड़े का गोरखधंधा सामने आया है और इसके बाद जहां समूची रेलवे में हड़कंप मच गया है तो वहीं आधा दर्जन से अधिक रेलकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है।
रेलवे बोर्ड की विशेष स्क्वायड टीम ने हटिया स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर अनारक्षित टिकट (अनरिजर्व टिकट सिस्टम) के तहत जारी नहीं किए गए श्रेणी में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यह टिकट यूटीएस मशीन के सिस्टम से हेराफेरी कर दोहरे नंबरों पर जारी किए जाए रहे थे।
शुरूआती जांच में पता चला है कि यह गोरखधंधा वर्षों से चल रहा थ्स्राा और इसमें बुकिंग केंद्र के कर्मचारियों से लेकर सुपरवाइजर की मिलीभगत हो सकती है। मामले का खुलासा होने पर रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर व मार्केटिंग) विक्रम सिंह ने बजाप्ता पत्र जारी करते हुए हटिया स्टेशन के 10 कर्मियों को निलंबित करने की जानकारी देते हुए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।
जिन कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें बुकिंग केंद्र के सात कर्मचारियों के अलावा चीफ बुकिंग सुपरवाइजर, कॉमर्शियल इंस्पेक्टर व सेक्शन टीआइए शामिल हैं। हालांकि इसके रेलवे मंत्रालय इस पड़ताल में जुट गया है कि देश के अन्य किसी बड़े स्टेशन पर तो ऐसी गड़बड़ी नहीं चल रही है।
जानकारी के अनुसार फर्जीवाड़े में बुकिंगकर्मी पहले कम मूल्य के जनरल टिकट, यूटीसी सिस्टम से जारी करते थे। इसके बाद सिस्टम को फेल और गलत टिकट जारी होने की बात कह मशीन का स्वीच ऑफ कर दिया जाता था। इस तरह कम वैल्यू के जनरल टिकट के मूल्य सिस्टम में सेव होस्र जाते और फिर उसी नंबर पर अधिक मूल्य के टिकट जारी कर लिये जाते थे।
सिस्टम में उस टिकट को जारी नहीं किया गया दिखा कर कम राशि रेलवे में जमा करवा दी जाती और अधिक मूल्य के जारी टिकट से मिली राशि को बुकिंगकर्मी हड़प जाते।


